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बजट उम्मीदें : टरबाइन ईंधन शुल्क में कमी की उम्मीद कर रहा विमानन क्षेत्र

इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर एविएशन एयरोस्पेस एंड ड्रोन्स के चेयरमैन सनत कौल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सरकार को एविएशन टरबाइन ईंधन पर राहत देनी चाहिए.

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Published : Jan 29, 2021, 10:57 PM IST

नई दिल्ली :कोविड-19 संकट के बीच यात्रा प्रतिबंधों के कारण भारत में उड्डयन क्षेत्र को आगामी वित्तीय बजट से बहुत उम्मीदें हैं. क्षेत्र को उम्मीद है कि केंद्र सरकार टरबाइन ईंधन को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग पर विचार करेगा, ताकि एयरलाइंस पर से ऋण का बोझ कम करने के लिए हवाई अड्डे के शुल्क को कम किया जा सके.

इंटरनेशनल फाउंडेशन फार एविएशन एयरोस्पेस एंड ड्रोन्स के चेयरमैन सनत कौल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सरकार को एविएशन टरबाइन ईंधन पर राहत देनी चाहिए. लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे इसके लिए आगे आएंगे. पर्यटन वित्त निगम की बात और एविएशन फाइनेंस कॉरपोरेशन एक साथ सोच सकते हैं क्योंकि ये ऐसे उद्योग हैं जो हर हाल में पीड़ित हैं. कौल ने कहा कि कोविड से प्रेरित लॉकडाउन के कारण जो एयरलाइंस लगभग दो महीने तक उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे, उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी. इसे सरकार की ओर से बहुत पहले स्पष्ट कर दिया गया है.

हवाई किराए पर कैपिंग हटाएं

एक एयरलाइन कार्यकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए कहा कि एटीएफ पर कम करों के साथ-साथ हवाई अड्डे, पार्किंग, लैंडिंग, नेविगेशन शुल्क को कम करना घरेलू एयरलाइनों की लंबे समय से मांग है. हमें उम्मीद है कि सरकार इस बजट में कुछ राहत प्रदान करेगी. विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को अब हवाई किराए पर कैपिंग को हटा देना चाहिए और उन्हें पूरी क्षमता से संचालित करने की अनुमति देनी चाहिए. जिससे उन्हें अधिक राजस्व प्राप्त करने में मदद मिले. वर्तमान में एयरलाइंस को अपनी पूर्व कोविड क्षमता के 80 प्रतिशत तैनाती करने की अनुमति है.

कोरोना की वजह से बढ़ी समस्या

23 मार्च से भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि मई से वंदे भारत मिशन के तहत भारत और 24 अन्य देशों के बीच द्विपक्षीय हवाई उड़ानों की व्यवस्था की गई. जिसके तहत भारत में विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं. इस बीच शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में कहा गया है कि सरकार को उम्मीद है कि भारत का हवाई यातायात 2021 की शुरुआत में अपने पूर्व-कोविड स्तर तक पहुंच जाएगा.

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सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारतीय एयरलाइंस की कुल विमान बेड़े की ताकत निर्धारित है. चालू वित्त वर्ष के अंत तक 713 की वृद्धि, वित्त वर्ष 2020 के अंत में 669 से बेहतर है.

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