नई दिल्ली : पति द्वारा अपनी पत्नी को किसी भी समय, बिना कारण के और पहले से नोटिस दिए बगैर तलाक (तलाक-उल-सुन्नत) देने के 'एकतरफा अधिकार' को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह प्रथा 'मनमाना, शरिया विरोधी, असंवैधानिक, स्वेच्छाचारी और बर्बर' है.
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने कहा कि चूंकि यह जनहित याचिका की प्रकृति की है इसलिए इसे पीआईएल देखने वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए. याचिकाकर्ता महिला का प्रतिनिधित्व वकील बजरंग वत्स ने किया है और आग्रह किया गया कि पति द्वारा अपनी पत्नी को किसी भी समय तलाक देने के अधिकार को स्वेच्छाचारी घोषित किया जाए.
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