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यूनेस्को टीम ने किया चौकड़ी मोदीखाना का दौरा, निर्माण को लेकर भी उठाए सवाल

6 जुलाई 2019 को परकोटे को यूनेस्को की विश्व विरासत का तमगा मिला था. तब यूनेस्को ने ही यहां अतिक्रमण 50 वर्ग और ट्रैफिक को लेकर गाइडलाइन दी थी. जिसका निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को यूनेस्को की टीम (UNESCO Team Visits Jaipur) यहां पहुंची.

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Published : Apr 1, 2022, 3:06 PM IST

जयपुर. वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल जयपुर के परकोटे का निरीक्षण के लिए यूनेस्को की टीम शुक्रवार सुबह चौकड़ी मोदीखाना ( Jaipur heritage Site Chokdi Modikhana) पहुंची. यूनेस्को टीम ने मनिहारों का रास्ता से दौरा शुरू किया. यहां दिगंबर जैन छात्रावास का जायजा लिया, इसके बाद मनिहारों का रास्ता में गुलाल गोटे और लाख की चूड़ियों की भी जानकारी ली. यूनेस्को टीम के सामने ही स्थानीय लोगों ने स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे काम से परेशानी को लेकर विरोध भी जताया. लोगों ने टीम को अपनी समस्याएं भी बताई.

यूनेस्को टीम ने चौड़ा रास्ता में हेरिटेज इमारत नानाजी की हवेली में हो रहे निर्माण, विरासत में शामिल जगहों पर लाइट के खुले हुए तार और डीपी जंक्शन को लेकर के सवाल उठाए.साथ ही निरीक्षण के दौरान कमियों और खासियत दोनों की तस्वीरें अपने कैमरे में उतारी (UNESCO Visited World Heritage Sites). दौरे के दौरान यूनेस्को की टीम के आगे-आगे निगम का हूपर और सफाई कर्मचारियों की टीम सफाई करने में जुटी रही.

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6 जुलाई 2019 को परकोटे को यूनेस्को की विश्व विरासत का तमगा मिला था. तब यूनेस्को ने ही यहां अतिक्रमण 50 वर्ग और ट्रैफिक को लेकर गाइडलाइन दी थी. जिसका निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को यूनेस्को की टीम यहां (UNESCO Team Visits Jaipur) पहुंची. जिसमें फ्रांस के पोल और जापान की मिंजा यांग ने हेरिटेज सेल की टीम के साथ फील्ड विजिट किया. इस दौरान चौकड़ी मोदीखाना में स्थित मनिहारों का रास्ता, लोहा मंडी, दामोदर जी गली, नाटाणियों का का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता और यहां बने हेरिटेज वॉकवे का दौरा किया. टीम ने यहां के दिगम्बर जैन मंदिर, हवेलियों, ड्रेनेज सिस्टम और कारीगरी की जानकारी ली.

यूनेस्को की टीम ने उनकी ओर से जारी मापदंडों की जांच की. ये टीम करीब 9 दिन जयपुर शहर में रुकेगी और शहर में विरासत संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों का निरीक्षण भी करेगी. इस दौरान यूनेस्को टीम के साथ मौजूद रही हैरिटेज सेल की कंजर्वेशन आर्किटेक्ट चांदनी चौधरी ने बताया कि फील्ड विजिट चौकड़ी मोदिखाना से शुरू किया गया. जिसमें मनिहारों के रास्ते से शुरुआत की गई. पहले एक-एक इमारत की सूची तैयार की गई थी. उस बिल्डिंग में क्या खासियत है, कब उसका निर्माण हुआ, इनकी ऊंचाई आदि की जानकारी के लिए एक्सपोर्ट भी मौजूद रहे. क्षेत्र या इमारत के नाम विशेष पर मौजूद कलाकारों का डेटाबेस तैयार किया गया था. जिसका परिचय कराया गया.

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इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल स्कूल, हॉस्पिटल, मेडिकल फैसिलिटी का भी रिकॉर्ड रखा गया है. यूनेस्को टीम के साथ इस पर भी डिस्कशन किया हो रहा है. आखिर में यूनेस्को टीम के अनुभव और हेरिटेज सेल के डाटा को आधार बनाकर चर्चा होगी. फिर स्पेशल एरिया प्लान की तरफ विस्तार को लेकर विमर्श होगा. फिलहाल पायलट एरिया के तहत चौकड़ी मोदीखाना और चौकड़ी विश्वेश्वर का डिटेल निरीक्षण किया जा रहा है. शनिवार को फिजिकल इन्फ्राट्रक्चर के बारे में भी बात की जाएगी. जबकि शुक्रवार को आर्किटेक्चरल हेरिटेज पर फोकस किया गया है. यहां स्मार्ट सिटी की ओर से किए गए कामों को भी डिस्कस किया गया है. 9 दिन की इस वर्कशॉप को इंस्टिट्यूट, स्कूल ऑफ आर्किटेक्ट के साथ भी शेड्यूल किया गया है.

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कंजर्वेशन आर्किटेक्ट के मुताबिक फीडबैक के बाद उनके लिए आसानी पैदा होगी. उन्होंने बताया कि यूनेस्को टीम के फीडबैक के बाद हेरिटेज सेल का काम करना आसान हो जाएगा. स्पेशल एरिया हेरिटेज प्लान के लिए इन दो चौकड़ियों का मॉडल प्लान तैयार हो जाएगा. उसी तर्ज पर बाकी चौकड़ियों में भी काम हो पाएगा. इन्हें चुनने का कारण यही था कि इनका साइज छोटा है, बीचोंबीच स्थित है और यहां काम जल्दी हो पाएगा.

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फरवरी में लोकल पब्लिक से भी इंटरेक्ट किया गया था. जिसमें आम जनता कैसे वर्ल्ड हेरिटेज को रिपोर्ट कर सकती है, इसके बारे में बताते हुए रिपोर्ट तैयार की गई थी. वहीं इस दौरे के दौरान भी रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन, व्यापार मंडल, टूर गाइड एसोसिएशन और स्थानीय पार्षदों से भी इंटरेक्ट किया जाएगा. 6 जुलाई 2019 को परकोटे को वर्ल्ड हैरिटेज का दर्जा मिला था. और यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था. इसके बाद फरवरी 2020 में यूनेस्को निदेश ऑद्रे अजोले ने जयपुर आकर परकोटे क्षेत्र का मौका निरीक्षण करने के बाद अल्बर्ट हॉल पर आयोजित कार्यक्रम में जयपुर को वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का सर्टिफिकेट दिया था.

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