हैदराबाद : भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर विवाद बढ़ गया है. ट्विटर ने उनके ट्वीट को मैनिपुलेटेड बता दिया है. पात्रा ने कांग्रेस के कथित टूलकिट का नाम लेकर एक ट्वीट किया था.
ट्विटर ने कहा कि संबित पात्रा ने अपने ट्वीट में जो बातें कहीं हैं, वह सच नहीं है. यह एक मैनिपुलेटेड मीडिया है.
आइए पहले यह समझें कि मैनिपुलेटेड मीडिया क्या होती है.
-इसका सीधा सा मतलब होता है कि ट्वीट में जो भी जानकारी दी गई है, वह सच नहीं है. उसकी सत्यता संदिग्ध है.
- ट्विटर सबसे पहले ट्वीट में दी गई जानकारी की सत्यता को परखता है. वह इसकी जांच करता है कि दी गई जानकारी कहीं सिंथेटिक तो नहीं है. यानी तोड़-मरोड़कर पेश तो नहीं की गई है.
- ट्विटर किसी भी जानकारी को हटाने से पहले ट्वीट के तथ्यों (कंटेंट) को विविध कोणों से परखता है. यदि उसे लगता है कि इससे किसी व्यक्ति या समूह को खतरा है या फिर इससे तनाव या दंगा फैल सकता है, तो उसे मैनिपुलेटेड करार दे दिया जाता है.
संबित पात्रा के मामले में भी यही हुआ.
हालांकि, सरकार का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है. ट्विटर अपनी ओर से सत्यता को लेकर निर्णय नहीं कर सकता है.
इस मामले ने इतना अधिक तूल पकड़ लिया कि कांग्रेस ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज करवाई है.
आपको बता दें कि ट्विट समय-समय पर इस तरह की कार्रवाई करता रहता है.
ट्विटर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी अकाउंट बंद कर दिया था. व्हाइट हाउस में गोलीबारी की घटना के बाद हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर ट्विटर ने यह कार्रवाई की थी.
क्या है टूलकिट
किसी भी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए कुछ 'कार्य बिंदु' (एक्शन प्वाइंट) तैयार किए जाते हैं. इन्हें जिस दस्तावेज में दर्ज किया जाता है, उसे टूलकिट कहते हैं.
सोशल मीडिया के संदर्भ में देखें तो किसी भी आंदोलन का प्रभाव बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. अधिक से अधिक संख्या में लोग जुड़ सकें. एक निश्चित समय में उसको ट्रेंड करवा देना मकसद होता है. कौन सा हैशटैग इस्तेमाल करना है, किसको टैग करना है, उसकी टाइमिंग क्या होगा. कब मैटेरियल को पोस्ट किया जाएगा वगैरह.