कोरबा: सड़क पर दबे कुचले सांपों के अवशेष आपने भी अक्सर देखे होंगे. इस स्थिति से बचने के लिए और विषधर सांपों की प्रजाति की सुरक्षा के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ में सड़क के नीचे अंडरपास बनाए जाएंगे. कोरबा के उरगा से जशपुर के पत्थलगांव के 87 किलोमीटर फोरलेन के बीच ये अनोखा प्रयोग जल्द ही मूर्त रूप लेगा. यह पहली बार है, जब किसी हाइवे के नीचे पाइप के जरिये सांपों के लिए अंडरपास(रास्ता) बनने जा रहा है.
इस तरह बनेगा अंडरपास :भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के कोरबा से होते हुए नेशनल हाइवे के इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है. सांपों की अलग अलग प्रजातियों के आवागमन के लिए 500 मीटर के अंतराल पर पाइप लगाया जाएगा. छोटे जीवों के लिए कम ऊंचाई वाले छोटे छोटे प्लेटफॉर्म भी बनेंगे. जिसकी ऊंचाई और चौड़ाई 4 फीट होगी. इसका नक्शा भी तैयार कर लिया गया है. कोरबा के उरगा से जशपुर जिले के पत्थलगांव की दूरी 87 किलोमीटर है. सड़क की लागत 1 हजार 955 करोड़ रुपए है.
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कोरबा में पाया जाता है विश्व का सबसे जहरीला सांप :कोरबा जिले के कई क्षेत्रों में विश्व का सबसे जहरीला सांप किंग कोबरा पाया जाता है. किंग कोबरा की प्रजाति को संरक्षित करने की भी जरूरत है. जशपुर को छत्तीसगढ़ का नागलोक कहा जाता. वहां भी सांप बड़ी तादात में मिलते हैं. ऐसा पहली बार है जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी इस दिशा में काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 11 अंडर पास बनेंगे. इसका उद्देश्य सांप के साथ ही छोटे जानवरों को गाड़ियों से बचाना है, ताकि सांप और दूसरे जानवर सुरक्षित तरीके से अंडरपास के जरिए सड़क को पार कर सकें.
सड़क के नीचे से अंडरपास की व्यवस्था: हाइवे में अंडरपास बनाने के बारे में एनएचएआई के परियोजना निदेशक डीडी पारलावार ने बताया कि "भारतमाला परियोजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में रोड बनाए जा रहे हैं. कई चरणों में निर्माण होगा. कुछ अभी शुरू होंगे. उरगा से पत्थलगांव के बीच प्रस्तावित सड़क के नीचे से अंडरपास की व्यवस्था की गई है. जिससे सांप व अन्य छोटे जीव जंतु सुरक्षित तरीके से रोड के आर पार जा सकें. इसका नक्शा और डिजाइन भी तैयार हो चुका है."
क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट :भारतमाला परियोजना देश में राजमार्ग निर्माण का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. इसका मकसद इकोनॉमिक कॉरिडोर डेवलप करना है ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा सके. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से भारत माला के तहत प्रदेश में 670 किलोमीटर फोरलेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. जिस पर लगभग 12 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे. 7 अलग अलग चरण में सड़क का निर्माण किया जाना है.