हैदराबाद :भारत में बांधों को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यह खबर यूएन की एक रिपोर्ट पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2025 तक भारत में एक हजार से ज्यादा बांध ऐसे होंगे, जो 50 साल से अधिक पुराने हो चुके होंगे. और इन बांधों से बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक धरती पर रहने वाले ज्यादातर लोग बांधों के आसपास रह रहे हैं. ये सभी बांध 20वीं सदी के बने हैं, जिससे लोगों की जिंदगी पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा
- संयुक्त राष्ट्र की एजिंग वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर (Ageing water infrastructure) रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि भारत में 2025 तक हजारों बांध 50 साल पुराने हो जाएंगे. कई देशों में हजारों पुराने बांध हैं, जो भविष्य के लिए खतरा बन सकते हैं.
- बांध की विफलता के परिणामस्वरूप जीवन, आजीविका और संपत्तियों का नुकसान हो सकता है, साथ ही पारिस्थितिक तंत्र और आवासों की हानि हो सकती है.
- रिपोर्ट में दावा किया गया है दुनियाभर में बने करीब 58,700 बांध 1930 से 1970 के बीच बने थे. इनकी डिजाइनिंग ऐसी है कि ये अभी 50-100 वर्ष चल सकते हैं. 50 वर्ष में कंक्रीट से बने बांध में एजिंग मतलब कमजोरी दिखने लगती है.
- रिपोर्ट के अनुसार, केरल के मुल्लापेरियार बांध से 35 लाख लोगों को खतरा है, जिसका निर्माण 125 वर्ष पहले हुआ था. ये बांध कभी भी धोखा दे सकते हैं. अधिक से अधिक लोगों को खतरा इसलिए है, क्योंकि बांध की संरचना समय के साथ काफी कमजोर हो रही है. इस तरह के बांध दुनियाभर में बड़ी संख्या में हैं जो इंसानों के लिए खतरा बन सकते हैं.
केरल के 35 लाख लोगों को खतरा
- मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar Dam) का निर्माण 125 वर्ष पहले हुआ था. यह 53.6 मीटर की ऊंचाई का एक गुरुत्व बांध है, जो 443 मिलियन वर्ग मीटर की जलाशय क्षमता रखता है. यह केरल राज्य में पेरियार नदी को प्रभावित करता है.
- यह बांध 1895 में ब्रिटिश सरकार द्वारा सिंचाई करने के लिए बनाया गया था और अंततः 1959 में इससे बिजली का प्रोडक्शन शुरू हुआ. निर्माण के समय बांध का जीवनकाल 50 साल था. एक सदी बाद यह बांध सेवा में बाधा पैदा कर सकता है. साथ ही एक समय के बाद यह बांध इंसानों के लिए खतरा बन सकता है.
- 2009 में केरल ने एक नए बांध का निर्माण करने का अनुरोध किया, लेकिन तमिलनाडु ने इस विचार का विरोध किया. वर्तमान में काफी पुराने मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar Dam) का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर बहस जारी है. इससे संबंधित मामला अदालत में लंबित है.
बांध सुरक्षा विधेयक 2019
- 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में बांध सुरक्षा विधेयक पेश किया गया और दो अगस्त 2019 को पारित किया गया.
- देश भर में निर्दिष्ट बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करने की मांग वाला विधेयक लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया है.
- बिल देश भर में निर्दिष्ट बांधों की चौकसी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी प्रावधान करता है. इन बांधों में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले या 10 मीटर से 15 मीटर की ऊंचाई तथा विशिष्ट डिजाइन और स्ट्रक्चर वाले बांध शामिल हैं.
- बिल दो राष्ट्रीय निकायों: राष्ट्रीय बांध सुरक्षा कमेटी और राष्ट्रीय बांध सुरक्षा अथॉरिटी की स्थापना करता है. कमेटी के कार्यों में बांध सुरक्षा मानदंडों से संबंधित नीतियां बनाना और रेगुलेटरों को सुझाव देना है. अथॉरिटी के कार्यों में राष्ट्रीय कमेटी की नीतियों को लागू करना, राज्य बांध सुरक्षा संगठनों (एसडीएसओज) को तकनीकी सहायता प्रदान करना और राज्य बांध सुरक्षा संगठनों (एसडीएसओज) के बीच और एसडीएसओ एवं उस राज्य के बांध मालिकों के बीच के विवादों को सुलझाना शामिल है.
- विधेयक के प्रावधानों को देश के सभी बांधों पर लागू करने का प्रस्ताव है, जिनकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक या 10 मीटर से 15 मीटर के बीच है. अन्य बातों के अलावा, बिल भी बांधों के रखरखाव और सुरक्षा से संबंधित अंतर-राज्य के मुद्दों को हल करने का प्रयास करता है, क्योंकि देश में लगभग 92 प्रतिशत बांध अंतर-राज्यीय नदी घाटियों पर हैं.
ग्लोबल डैम इन लार्ज डैम कंस्ट्रक्शन एंड एजिंग (Global Trends In Large Dam Construction And Ageing)
- बड़े बांधों का निर्माण 20वीं सदी के मध्य में शुरू हुआ और 1960/70 के दशक में चरम पर पहुंच गया, विशेष रूप से एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में, जबकि अफ्रीका में शिखर हाल ही में 1980 के दशक में हुआ है. जिसके बाद नव निर्मित बड़े बांधों की संख्या में निरंतर और उत्तरोत्तर गिरावट देखी गई.
- चीन 23,841 बांधों के साथ सूची में सबसे आगे है और संयुक्त राज्य अमेरिका दूसरे स्थान पर है. इन दो काउंटियों के साथ मिलकर सभी बड़े बांधों का 56 प्रतिशत सामने आया है.
- जापान और ब्रिटेन में बड़े बांधों की औसत आयु 100 वर्ष से अधिक है, जिसका अर्थ है कि इन देशों में अधिकांश बांधों का निर्माण 20वीं शताब्दी के पहले और शुरुआत में किया गया था.
किन-किन देशों में खतरा
यूएन की यह रिपोर्ट अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जापान, भारत, जांबिया और जिम्बाब्वे के पुराने बांधों पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि दुनिया में बांध निर्माण को लेकर 20वीं सदी में एक बड़ी क्रांति देखने को मिली थी, लेकिन अब ये बांध पुराने हो चले हैं. दुनिया के कुल 55 फीसद यानी कि 32,716 बांध एशिया के चार देशों चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया में हैं. इन चार देशों के अधिकांश बांध 2050 तक 50 साल के हो जाएंगे या उसके आसपास होंगे. ठीक यही स्थिति अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और पूर्वी यूरोप के बांधों के साथ है.
देश के बड़े बांध
देश | बड़े बांधों की संख्या | औसत ऊंचाई (M) | औसत क्षमता (10⁶ m³) |