प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के दौरान जिस वक्त माफिया अतीक अहमद का बेटा असद धूमनगंज थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा था, उसी समय लखनऊ में उसके मोबाइल और एटीएम का इस्तेमाल करने वाले उसके दोस्त पर भी पुलिस का शिकंजा कस चुका है. असद के इस दोस्त ने उमेश पाल हत्याकांड के वक्त लखनऊ में असद के एटीएम कार्ड के जरिए पैसे निकाले थे और उसी के साथ मोबाइल व एटीएम की खरीददारी करके पुलिस को गुमराह करने का काम किया था. असद के साथ मिलकर पुलिस को गुमराह करने और उमेश पाल हत्याकांड में मदद करने के आरोप में असद का ये दोस्त अब जेल जाएगा. धूमनगंज पुलिस इस मददगार को जेल भेज रही है.
प्रयागराज को दहलाने वाली घटना 24 फरवरी को हुई थी. जब अतीक अहमद गैंग के 6 शूटरों ने सरेआम सड़क पर बम और गोलियां चलाकर उमेश पाल की हत्या को अंजाम दिया था. इस दुस्साहसिक वारदात का जब सीसीटीवी फुटेज सामने आया तो उसमें दिख रही बमबाजी व फायरिंग को देखकर हर कोई दंग रह गया. सीसीटीवी फुटेज देखकर लोगों को यह लग रहा था कि किसी फिल्म का सीन है. लेकिन, जिस समय यह घटना हो रही थी, बाहुबली अतीक अहमद का बेटा असद सड़क से घर के अंदर तक दौड़ाकर उमेश पाल पर गोलियां दाग रहा था. उसी समय लखनऊ में उसके एटीएम कार्ड से कैश निकाला जा रहा था. इसके साथ ही उसके कार्ड और मोबाइल से पेमेंट करके खरीददारी की जा रही थी. जिससे कि असद का नाम आने पर बताया जा सके कि वो तो उस वक्त लखनऊ में था. इसका सबूत था एटीएम से निकाला गया कैश और उसके मोबाइल की लखनऊ में लोकेशन होना.
पुलिस को गुमराह करने की थी योजना
उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने वालों को यह पता था कि उसकी हत्या के बाद अतीक के परिवार वालों का नाम आना तय है. अतीक के दो बेटे जेल में हैं और दो नाबालिग हैं. ऐसे में सिर्फ असद का नाम ही आएगा. यही कारण था कि घटना के समय असद का मोबाइल और एटीएम कार्ड लखनऊ में रखवा दिया गया. साथ ही घटना के समय ही उसके एटीएम कार्ड के जरिए पैसे निकाले गए और सामान का भी पेमेंट किया गया. साथ ही मोबाइल की लोकेशन भी लखनऊ में दिखाई गई थी, जिससे घटना के बाद आसानी से यह साबित किया जा सके कि वारदात के समय असद प्रयागराज में नहीं, बल्कि लखनऊ में था. यही वजह थी कि असद का नाम आने के बाद जब पुलिस ने अतीक अहमद के घर पर छापेमारी की तो उसके नाबालिग बेटों ने भी असद के लखनऊ में होने की बात कही थी.