लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में बसपा मात्र एक सीट ही जीत पाई. बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने यह सीट जीती. वे जीतने वाले बसपा के एक मात्र उम्मीदवार हैं. उमाशंकर बलिया के रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और लगातार दो बार, 2012, 2017 में जीत दर्ज कर चुके हैं. वे ठेकेदार भी हैं और संपत्ति के मामले में उनका नाम प्रदेश के टॉप 10 विधायकों में आता है.
ठेकेदारी के कारण रद्द को चुकी है विधानसभा सदस्यता
उमाशंकर सिंह पहली बार बसपा के टिकट पर 2012 में रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. 2017 में भी बसपा ने उन्हें टिकट दिया और इस बार भाजपा की लहर होने के बाद भी जीतने में कामयाब रहे. उत्तर प्रदेश के दूसरे छोर पर स्थित बलिया में उनकी अच्छी पैठ है. 2012 में जब वे विधायक चुने गए तब उनके खिलाफ एडवोकेट सुभाष चंद्र सिंह ने 18 दिसंबर, 2013 को शपथ पत्र देकर लोकायुक्त संगठन में शिकायत की थी कि वे विधायक होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग से सरकारी ठेके लेकर सड़क निर्माण का कार्य कर रहे हैं. मामले की जांच तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा ने की.
जब उमाशंकर दोषी पाए गए थे
18 फरवरी 2014 को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई. मुख्यमंत्री ने 19 मार्च 2014 को प्रकरण चुनाव आयोग के परामर्श के लिए राज्यपाल को भेजा. तत्कालीन राज्यपाल ने यह प्रकरण तीन अप्रैल 2014 को चुनाव आयोग को भेज दिया. चुनाव आयोग से तीन जनवरी 2015 को अभिमत प्राप्त होने पर उमाशंकर सिंह ने राज्यपाल राम नाईक के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा. राज्यपाल ने 16 जनवरी 2015 को उनका पक्ष सुना.