लखनऊ :यूपी एटीएस (UP ATS) की टीम ने अवैध धर्मांतरण मामले में रविवार को मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के बेटे अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया है. उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला पर धर्मांतरण करने वालों की फंडिंग करने का आरोप है.
यूपी एटीएस के मुताबिक जहांगीर आलम और कौसर के सीधे संपर्क में रहकर अब्दुल्ला द्वारा फंडिंग का काम किया जा रहा था. मौलाना उमर गौतम के अल फारुकी मदरसा व मस्जिद और इस्लामिक सेंटर का काम भी अब्दुल्ला देख रहा था.
बता दें कि एटीएस ने अवैध धर्मांतरण मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बीते 20 अगस्त को यूपी एटीएस ने जांच के बाद उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाउद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
एटीएस ने 60 दिन में यह कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी. विवेचना में आरोपियों के खिलाफ मिले साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट लगाई गई. वहीं, इस गैंग के चार अन्य आरोपियों क्रमशः नागपुर से गिरफ्तार प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ़ भूप्रिय विंदो, कौसर आलम तथा डॉ. फराज एवं अन्य संदिग्धों के खिलाफ विवेचना की जा रही है.
एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, धर्मांतरण सिंडिकेट के संचालन के लिए इन आरोपियों को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की गई थी, जिसके साक्ष्य भी मिले हैं. उमर गौतम व उसके साथियों को विदेशों से लगभग 57 करोड़ रुपयों की फंडिंग हवाला एवं अन्य माध्यमों से की गई थी. जिसके खर्च का ब्यौरा उमर गौतम व इसके साथी नहीं दे सके थे.
एटीएस के अनुसार जिन संगठनों ने उमर गौतम से संबंधित ट्रस्ट अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन को फंडिंग की थी, उन्हीं स्त्रोतों से मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया इमाम वालीउल्लाह ट्रस्ट को भी नियमित रूप से भारी मात्रा में फंडिंग की गई थी.
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आरोपियों के खातों में यूके, अमेरिका व अन्य खाड़ी देशों से भी भारी मात्रा में हवाला व अन्य माध्यमों से धन का आना प्रमाणित हुआ था. आरोपियों द्वारा ट्रस्ट में आए विभिन्न वैध एवं अवैध धन को निजी धन के रूप में मनमाने ढंग से खर्च किया गया, जिससे संपत्ति अभी अर्जित की गई. आरोपी अपनी आय के स्त्रोतों का भी उल्लेख नहीं कर सके हैं. एटीएस आईजी द्वारा कहा गया अभी तक की जांच में मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट के खाते में लगभग 22 करोड़ रुपयों की कुल फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.
आरोपी एडम और कौशर आलम के कब्जे से बरामद इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से यह तथ्य पाए जा रहे हैं कि दोनों हिंसात्मक विचारधारा से भी प्रभावित हैं. आरोपियों का धार्मिक उपदेशक जिनका संबंध अलकायदा जैसे आतंकी समूह से भी रहा है. जिसके जरिए यह लोग धार्मिक व्याख्यानों से प्रभावित होना पाया गया है.