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Uma Bharti Angry : एक माह तक अज्ञातवास पर रहेंगी उमाभारती, पार्टी नेताओं से तवज्जो नहीं मिलने पर बयां किया दर्द - उमा भारती वरिष्ठ नेताओं से खासी नाखुश

सियासत में फिर से अपना वजूद तलाश रही बीजेपी (BJP) की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharati) अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से खासी नाखुश हैं. शराबबंदी को लेकर चलाई मुहिम में एक कदम आगे तो दो कदम पीछे होने वाली उमाभारती को पार्टी नेताओं से तवज्जो नहीं मिल रही है. अब उमाभारती ने एक माह तक अब अज्ञातवास (Uma Bharati remain on agaatvaas) में रहने का फैसला लिया है. उमा भारती ट्वीट कर ये जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि वह अज्ञातवास के दौरान अमरकंटक के आसपास रहेंगी. अब 8 दिसंबर के बाद भी संवाद करेंगी. इसके साथ ही उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी को कड़ी चेतावनी भी दी है.

Uma Bharati remain on agaatvaas
एक माह तक अज्ञातवास पर रहेंगी उमाभारती

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Published : Nov 9, 2022, 7:14 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी पीड़ा जाहिर की है. उनका कहना है कि गंगा को शुद्ध करने का अभियान, मध्यप्रदेश में शराबबंदी के खिलाफ मुहिम के लिए भगवान के साथ ही जनता का उन्हें भरपूर समर्थन मिला है. लेकिन मेरी ही पार्टी बीजेपी इन दोनों अभियानों के को लेकर तटस्थ रही. उनका कहना है कि निजी तौर पर मेरी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं लेकिन पार्टी की ओर से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता. इसलिए ये मामला गंभीर है.

केंद्रीय नेतृत्व को चेताया :उमाभारती ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा है कि दत्त पौर्णिमा 8 दिसंबर तक प्रतीक्षा करती हूं कि केंद्रीय स्तर पर हमारी पार्टी एवं राज्य स्तर पर हमारी मध्यप्रदेश की सरकार क्या नीति बनाती हैं. क्योंकि मामले गंभीर हैं. अब 8 दिसम्बर के बाद ही संवाद करेंगे. बता दें कि उमाभारती मंगलवार देर रात सलकनपुर मंदिर पहुंची लेकिन पट बंद होने के वजह से दर्शन नहीं हुए, वह रातभर सलकनपुर में रहीं. पुलिस प्रशासन व मंदिर समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे. सलकनपुर स्थित धर्मशाला में पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती आराम कर रही हैं. यहां से वे मां बिजासन के दर्शन करेंगी.

पारिवारिक बंधन से मुक्त होने की घोषणा :चार दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पारिवारिक बंधन से मुक्त होने का संकल्प लिया था. उन्होंने अपने उपनाम से भारती हटा दिया और खुद को "दीदी मां " कहलाने की इच्छा व्यक्त की. शनिवार को उन्होंने एक के बाद एक 17 ट्वीट किए. इसमें उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन से लेकर अभी तक की बात कही. उन्होंने कहा था वे परिवारजनों को सभी बंधनों से मुक्त करती हैं और खुद भी पारिवारिक बंधनों से मुक्त हो रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह घोषणा कर दी कि वो अब दीदी मां कहलाएंगी.

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शराबबंदी अभियान बीच में लटका :बीते शुक्रवार यानी 5 दिन पहले ही उमा भारती ने सोशल मीडिया के जरिए लाइव आकर प्रदेश में नशा मुक्ति और पूर्ण शराबबंदी के मुद्दे पर अपनी बात रखी थी. जहां उन्होंने भोपाल में बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि अब वह टेंट या झोपड़ी में रहकर अपनी लड़ाई लड़ेगी. उमा ने कहा कि जब तक नई शराब नीति नहीं बन जाती वह अपने घर पर नहीं जाएगी. उनका यह अभियान 7 नवंबर से शुरू करने का संकल्प लिया था. उमा ने कहा था कि भाजपा की सरकारों को देशभर में शराबबंदी करना चाहिए. इससे कई दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. महिलाओं के साथ अभद्र घटनाएं हो रही हैं. लोग बीमारी से मर रहे हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमें शराब पर पूर्ण प्रतिबंध पर विचार करना चाहिए.

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