गुवाहाटी :प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम उल्फा (United Liberation Front of Assam ULFA I) ने कहा है कि यदि शांति वार्ता के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Chief Minister of Assam Dr. Himanta Biswa Sarma) को केंद्र द्वारा मध्यस्थ नियुक्त किया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी. उल्फा (आई) ने कहा कि सरमा एक योग्य व्यक्ति हैं और वह इस समस्या के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को जानते हैं.
उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ (ULFA chief Paresh Baruah) ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, 'मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से ही बार-बार कह रहे हैं कि वह उग्रवाद की समस्या को हल करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे और उनकी यह पहल राज्य की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने की दिशा में वास्तविक और साहसिक कदम प्रतीत होती है.'
बरुआ ने कहा, 'अगर भारत सरकार उन्हें मध्यस्थ के रूप में नियुक्त करती है, तो हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. वह एक सक्षम एवं योग्य व्यक्ति हैं जो समस्या के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को जानते हैं. हमें उम्मीद है कि वह 42 साल पुराने इस मुद्दे का कोई समाधान खोज निकालेंगे.'
उन्होंने कहा,'उल्फा का यह दृढ़ विश्वास है, चूंकि मुख्यमंत्री सरमा हमारे संघर्ष से पूरी तरह परिचित हैं, इसलिए वह भारत की केन्द्र सरकार के सामने इस समस्या और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को किसी भी अन्य मध्यस्थ की तुलना में बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने में सक्षम होंगे.'