कीव : अमेरिका की नजर यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे जंग पर बनी हुई है. नाटो की बैठक (NATO summit on russia ukraine war) में अमेरिका ने बड़ी बात कह दी. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वे चाहते हैं कि रूस को जी (समूह)-20 से बाहर कर दिया जाए. यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर नाटो की आपात बैठकों के बाद ब्रसेल्स में बाइडन ने उक्त टिप्पणी की. जी-20, 19देशों और यूरोपीय संघ का अंतर सरकारी मंच है जो प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर काम करता है. बाइडन ने कहा कि उन्होंने अन्य वैश्विक नेताओं के साथ मुद्दा उठाया है.उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि समूह से रूस को बाहर किया जाए अगर इससे इंडोनेशिया और अन्य असहमत होंगे तो वह कहेंगे कि यूक्रेन के नेताओं को बातचीत में शामिल होने की अनुमति दी जाए. बाइडन और पश्चिमी सहयोगियों ने बृहस्पतिवार को रूस पर नए प्रतिबंध लगाने और यूक्रेन को मानवीय सहायता देने का नया संकल्प लिया.
इधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (volodymyr zelensky)ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की आपात बैठक को संबोधित करते हुए 'असीमित सैन्य सहायता' की अपील की. वहीं, बेलारूस के एक प्रमुख नेता ने आगाह किया है कि यूक्रेन में पश्चिमी शांतिरक्षक बलों को तैनात करने संबंधी पोलैंड का प्रस्ताव तीसरा विश्व युद्ध भड़का सकता है. इधर, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी सहमति से एक प्रस्ताव पारित करके यूक्रेन में मानवीय संकट के लिए रूस को दोषी ठहराया है. प्रस्ताव में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने और लाखों नागरिकों समेत घरों, स्कूलों और अस्पतालों की सुरक्षा करने की अपील की गई है.
रूस के सहयोगी बेलारूस ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी
बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President of Belarus Alexander Lukashenko)ने पोलैंड के पिछले सप्ताह किए गए शांति मिशन की पेशकश की ओर इशारा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, इसका मतलब तीसरा विश्व युद्ध होगा. बेलारूस रूस का सहयोगी है और उसने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. उन्होंने कहा,हालात बेहद गंभीर और तनावपूर्ण हैं. वहीं, उत्तरी शहर चेर्निहिव के एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने कहा है कि आबादी के लिए तबाही सामने है क्योंकि रूसी सैनिक जानबूझकर खाद्य भंडार को निशाना बना रहे हैं.
इस हफ्ते एक हवाई हमले में देसना नदी पर बना पुल नष्ट हो गया, जो यूक्रेन-नियंत्रित क्षेत्र से दक्षिण में भोजन और अन्य सहायता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग था.शहर परिषद के सचिव ओलेक्जेंडर लोमाको ने कहा,‘‘इस पुल के जरिए ही मानवीय मदद, दवाइयां और भोजन शहर में आए जाते थे. उन्होंने हालांकि दावा किया कि शहर पूरी तरह से यूक्रेनी सैनिकों के कब्जे में है. इधर, अमेरिका रूस के हमले के कारण यूक्रेन से पलायन करने वाले 35 लाख लोगों में से एक लाख तक शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.