नई दिल्ली :रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मिलिट्री एक्शन (ukraine putin military action) पर यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की है. यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उसने रूस के पांच विमान और एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया है. यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत और रूस पर सैन्य कार्रवाई (Russia ukraine conflict) का भारत और बाकी दुनिया पर क्या असर होगा ? इस सवाल पर रक्षा मामलों के जानकार पीके सहगल ने बताया कि हालात कितने भी गंभीर क्यों न हो जाएं, यूक्रेन शांतिपूर्ण समाधान की अपील कर रहा है. हालांकि, किसी ने नहीं सोचा था कि रूस छोटे से देश यूक्रेन पर हमला (russia declares war on ukraine) कर सकता है. सहगल ने बताया कि रूस के मुकाबले यूक्रेन की सैन्य ताकत कमतर है. इसके बावजूद रूस ने मिसाइल अटैक और हवाई हमले किए हैं. बता दें कि पीके सहगल भारतीय सेना में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) रह चुके हैं.
रूस यूक्रेन की सेना पर सरेंडर करने का दबाव(Russia Ukraine War Crisis) बना रहा है, लेकिन यूक्रेन की सेना आत्मसमर्पण नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में बड़े पैमाने पर आम नागरिकों ने हथियार उठाने का फैसला लिया है. यूक्रेन की महिलाओं और बच्चों ने भी रूस की सेना से मुकाबला करने का मन बना लिया है, हथियार उठा लिए हैं. ऐसे में रूस लंबे समय तक यूक्रेन में फंस सकता है.
यूक्रेन के प्रति भारत का रवैया
यूक्रेन के संबंध में भारत की विदेश नीति के संबंध में पीके सहगल ने कहा, भारत ने यूक्रेन और रूस के संकट पर भी इशारों-इशारों में शांतिपूर्ण समाधान पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने पश्चिमी देशों से भी शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील की है. दूसरे देशों की आक्रामकता के प्रति भारत के रूख को लेकर पीके सहगल ने कहा, पेरिस में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने चीन के संबंध में स्पष्ट किया, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव भारत किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा, हालात कितने भी प्रतिकूल और जटिल क्यों न हो जाएं, भारत शांतिपूर्ण समाधान खोजने के प्रति आशावान है. इसी आधार पर भारत ने रूस को भी संदेश दिया है.