कीव : रूस के हमले के बाद यूक्रेन के कई इलाके युद्धग्रस्त हैं. भारतीयों के बीच डर का वातावरण है. भारत के लोगों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं, लेकिन आतंकित भारतीय छात्रों ने पैदल यात्रा शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने वीडियो जारी किया है. इसमें देखा जा सकता है कि डरावने माहौल से सहमे भारतीय छात्रों ने पोलैंड और हंगरी की ओर पैदल यात्रा शुरू कर दी है. वीडियो में देखा जा सकता है कि पैदल यात्रा के बाद 40 छात्रों का यह समूह एक बस में यात्रा कर रहा है.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों ने पैदल यात्रा शुरू की, यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों का मंजर डरावना रूस के हमले के बाद यूक्रेन के हालात के बारे में पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने बताया, अभी पुतिन के पास दो विकल्प हैं. वे कह सकते हैं कि जो रूस चाहता था, वैसा हुआ है और जीत की औपचारिक घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि रूस के पास दूसरा ऑप्शन राजधानी कीव पर कब्जा कर डीकैपिटेशन (decapitation) करना है. हालांकि, उन्हें नहीं लगता कि रूस ऐसा करेगा, क्योंकि इसमें रक्तपात होगा.
यूक्रेन के हालात के बारे में पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ब्रिटेन के पीएम की ओर से हथियार भेजने के बयान के बारे में फैबियन ने कहा, इसका कोई लाभ नहीं है. रूस हाथी की तरह है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन रूस के सामने हथियार और सैन्य बल के मामले में कमजोर है. ऐसे में उन्हें लगता है कि एक दो दिनों में संकट कम होगा.
पाक के रवैये पर पूर्व राजनयिक ने दी जानकारी
इमरान खान और पुतिन की मुलाकात के बारे में फैबियन ने कहा, चीन ने यूएनएससी में रूस का साथ दिया है. उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच ऐसे संबंध हैं कि पाक चीन का अनुसरण करेगा. ऐसे में इमरान खान क्या कर रहे हैं, इस पर भारत का नियंत्रण नहीं हो सकता.
भारतीयों लोगों की सुरक्षित वापसी पर फैबियन ने कहा, इसकी पहल थोड़ी जल्दी की जा सकती थी. उन्होंने कहा कि भारत आने के बजाय भारतीयों को पोलैंड, हंगरी, रोमनिया और लातविया में भेजा जा सकता था. विदेश मंत्रालय सक्रियता से काम कर रहा है, ऐसे में वे शांति की प्रार्थना कर सकते हैं.
भारतीय बिजनेसमैन ने बताया- घरों के ऊपर से गुजर रहे लड़ाकू विमान
यूक्रेन में रह रहे भारतीय व्यवसायी कल्लोल रॉय ने युद्ध की शुरुआत के बाद समाचार एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में आपबीती बताई है. युद्ध की शुरुआत के बाद माहौल डरावना है. उन्होंने बताया कि वे कीव में रहते थे, लेकिन शरण लेने के लिए वे एक अंडरग्राउंड घर में रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि इंटरव्यू के ठीक पहले रूस के फाइटर एयरक्राफ्ट उनके घर के ऊपर से गुजरे हैं.
यूक्रेन में फंसे भारतीय व्यवसायी कल्लोल रॉय ने सुनाई आपबीती वर्तमान हालात के बारे में कल्लोल रॉय ने कहा, हालात संवेदनशील हैं. रूस की सेना यूक्रेन की सीमा में घुस चुकी है. लगातार हमले हो रहे हैं. कीव में कई रॉकेट दागे गए हैं. बहुमंजिला इमारत गिराई गई है. उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप की मदद से वे भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि भारतीयों का बड़ा समूह यहां एक-दूसरे के संपर्क में है. खाने का इंतजाम किया गया है.
कल्लोल रॉय ने कहा कि बिजनेसमैन के समूह ने करीब 300 छात्रों के लिए खाने-पीने की चीजों और रहने का इंतजाम किया है. उन्होंने बताया कि पोलैंड, हंगरी और अन्य सीमाओं की तरफ लोगों को भेजा जा रहा है. छात्रों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने का इंतजाम करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
खुद भारत लौटने के सवाल पर कल्लोल रॉय ने कहा, उनके जैसे कई लोगों का पूरा व्यवसाय यूक्रेन में है. ऐसे में अचानक सबकुछ छोड़कर जाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि एयरस्पेस पूरा बंद है. कीव से दूसरे शहर में जाने के लिए 7-8 घंटे का समय लगता है. उन्होंने बताया कि भारत से उन्हें जितना प्रेम है, यूक्रेन के लिए भी उनके मन में इसी तरीके के भाव हैं.
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कल्लोल रॉय ने बताया कि इमरजेंसी में दूतावास पूरी मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि रूस की सेना यूक्रेन के सभी शहरों में प्रवेश कर चुकी है. उन्हें कभी भी पकड़ा जा सकता है. उन्होंने बताया कि दूतावास की ओर से भी इस तरीके की सूचना नहीं दी गई है कि अनिवार्य रूप से यूक्रेन छोड़ दिया जाए. भारतीय समुदाय के बारे में उन्होंने कहा कि लगभग 35 हजार भारतीय लोग यूक्रेन में रहते हैं. यह सबसे बड़ी कम्युनिटी है.