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Russia-Ukraine War : रूस से बातचीत के लिए यूक्रेन राजी, पुतिन ने परमाणु बलों को किया अलर्ट

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच यूक्रेन बेलारूस में रूस के साथ बातचीत के लिए सहमत हो गया है. यह जानकारी रूसी मीडिया ने दी. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने कहा है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको के साथ वार्ता के बाद यूक्रेन बातचीत के लिए तैयार है. दूसरी तरफ पुतिन ने प्रतिबंधों का हवाला देते हुए रूस के परमाणु बल को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है.

Ukraine agrees to hold talks with Russia in Belarus
यूक्रेन बेलारूस में रूस के साथ बातचीत के लिए सहमत

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Published : Feb 27, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Feb 27, 2022, 9:25 PM IST

मास्को :रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच यूक्रेन बेलारूस में रूस के साथ बातचीत के लिए सहमत हो गया है. यह जानकारी रूसी मीडिया ने दी. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Ukraine President Volodymyr Zelensky) ने कहा है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको के साथ वार्ता के बाद यूक्रेन बेलारूस के साथ लगती अपनी सीमा में चेरनोबिल क्षेत्र के पास रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार है. इससे पहले जेलेंस्की ने बेलारूस में जाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि रूस के हमले में उसका लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था.

दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को रूसी परमाणु बलों को 'हाई अलर्ट' पर रखने का आदेश दिया जिससे यूक्रेन पर रूस द्वारा किये गए हमले पर पूर्वी और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ने का अंदेशा है. पुतिन ने कहा कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों द्वारा 'आक्रामक बयानबाजी' की प्रतिक्रिया में उन्होंने यह निर्णय लिया. इस आदेश का अर्थ है कि पुतिन रूस के नाभिकीय हथियारों को दागने के वास्ते तैयार रखना चाहते हैं. उनके इस निर्णय से दुनिया में परमाणु युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं. मास्को की सेनाओं के कीव के और निकट आने के बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से कहा गया कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल रूसी अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. पुतिन ने परमाणु अस्त्रों को 'अलर्ट' पर रखने के लिए न केवल नाटो के सदस्य देशों के बयानों का हवाला दिया बल्कि रूस और अपने (पुतिन) विरुद्ध पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का भी उल्लेख किया.

शीर्ष अधिकारियों संग की गई एक बैठक में पुतिन ने रूस के रक्षा मंत्री और 'मिलिट्री जनरल स्टाफ' के प्रमुख को आदेश दिया कि परमाणु रोधी बलों को 'युद्ध संबंधी दायित्व के लिए तैयार रखा जाए.' टीवी पर प्रसारित बयान में पुतिन ने कहा, 'पश्चिमी देश न केवल हमारे देश के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं बल्कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों के उच्च अधिकारियों ने हमारे देश के संबंध में आक्रामक बयान दिए हैं.'

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि पुतिन उन्हीं बातों पर अमल कर रहे हैं जो वह यूक्रेन पर हमले से पहले कई हफ्तों तक कह रहे थे. साकी ने कहा कि पुतिन 'हमले को सही ठहरने के लिए ऐसे खतरों का निर्माण कर रहे हैं जो अस्तित्व में नहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'वैश्विक समुदाय और अमेरिकी लोगों को इसे उसी तरह देखना चाहिए. हमने उन्हें (पुतिन) ऐसा कई बार करते देखा है.' साकी ने एबीसी के कार्यक्रम 'दिस वीक' में कहा कि रूस को नाटो या यूक्रेन से कभी खतरा नहीं था. साकी ने कहा, 'यह सब राष्ट्रपति पुतिन का तरीका है और हम इसके विरुद्ध खड़े होंगे…, हमारे अंदर खुद की रक्षा करने की क्षमता है.'

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मास्को के इस निर्णय पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने एक समाचार कार्यक्रम में कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन इस युद्ध को जिस तरीके से बढ़ा रहे हैं वह पूरी तरह अस्वीकार्य है.' उन्होंने कहा, 'हमें उनकी इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए.' पुतिन के आदेश का व्यावहारिक अर्थ क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है.

आपको बता दें कि बेलारूस रूस का समर्थक है. यहां रूसी भाषा का प्रमुखता से उपयोग होता है. रूस ने सैन्य अभ्यास के बहाने अपने सैनिकों को बेलारूस में उतारा और वहां से गुरुवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया. वैसे, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में हमले के लिए रूस को अपनी जमीन देने पर बेलारूस की निंदा की. कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बातचीत को लेकर सस्पेंस जारी है. उनके अनुसार यूक्रेन से सांसदों ने पहले युद्ध खत्म करने की शर्त रखी है, उसके बाद बातचीत को लेकर सहमति जताई है. हालांकि, स्वतंत्र रूप से कुछ भी पुष्ट नहीं हो सका है.

बेलारूस के अधिनायकवादी नेता 27 साल की अपनी सत्ता को और मजबूत करने के इरादे से रविवार को जनमत संग्रह करा रहे हैं जिसके लिए लोग मतदान कर रहे हैं. बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सजेंडर लुकाशेंको ने सहयोगी रूस को यूक्रेन पर हमला करने के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी. घरेलू विरोधियों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस के और करीब आए लुकाशेंको ने भरोसा जताया है कि बेलारूस वासी प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन का समर्थन करेंगे जिससे वह वर्ष 2035 तक सत्ता में बने रह सकेंगे. जनमत संग्रह में उस कानून को बदलने का भी प्रस्ताव है जो बेलारूस की तटस्थ स्थिति स्थापित करता है. इससे रूस के साथ व्यापक सैन्य सहयोग के रास्ते खुलेंगे.

क्या है ताजा स्थिति

कई हवाई अड्डों, ईंधन केंद्रों तथा अन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद रूसी सेना रविवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल हो गयी और वह दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण बनाने का प्रयास कर रही है. रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के मुताबिक सैन्य बढ़त बनाने के बाद रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को बेलारूस भेजा है. खारकीव रूस की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है और रूसी सैनिक खारकीव में घुस गए हैं. इससे पहले तक वे शहर के बाहरी इलाके में ही थे और उन्होंने शहर में घुसने की कोशिश नहीं की थी.

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यूक्रेन की मीडिया और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में रूसी वाहन खारकीव में चक्कर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं और एक वाहन सड़क पर जलता दिखाई देता है. एक वीडियो में यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सैन्य वाहनों का निरीक्षण करते हुए देखा गया, जिन्हें रूसी सैनिक गोलाबारी में क्षतिग्रस्त होने के बाद छोड़ गए हैं. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जवाबी कदम के साथ यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने तथा मास्को को और अलग-थलग करने के इरादे से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.

कीव के मेयर के अनुसार, वासिलकिव में हवाई अड्डे के पास एक तेल डिपो से आग की लपटें आसमान में फैल गईं. इस क्षेत्र में रूस की सेना से यूक्रेनी सैनिकों की भीषण लड़ाई हुई. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि असैन्य जुलियानी हवाई अड्डे पर एक और विस्फोट हुआ. जेलेंस्की के कार्यालय ने यह भी कहा कि रूसी सेना ने खारकीव में एक गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया, जिसके बाद सरकार ने लोगों को अपने आवासों की खिड़कियों को नम कपड़े से ढककर खुद को धुएं से बचाने की सलाह दी.

जेलेंस्की ने कहा कि हम अपने देश के लिए लड़ रहे हैं, अपनी आजादी को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हमें ऐसा करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि पिछली रात कठिन थी. भीषण गोलाबारी हुई, आवासीय क्षेत्रों में भी बमबारी की गई और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. हमलावर सैन्य-असैन्य सभी स्थानों को निशाने पर ले रहे हैं.

बमबारी के डर से बच्चों समेत लोगों ने बंकरों और भूमिगत मेट्रो स्टेशनों, अन्य जगहों पर पनाह ली. सरकार ने लोगों को सड़कों से दूर रखने के लिए 39 घंटे का कर्फ्यू लगा रखा है. यूक्रेन के आम लोग भी स्वेच्छा से कीव और अन्य शहरों की रक्षा में मदद करने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने अधिकारियों द्वारा वितरित बंदूकें लीं और रूसी सेना से लड़ने के लिए मोर्चा संभाल लिया.

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठा गया कदम है. उन्होंने कहा, 'रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए.' रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है. जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने रूसी आक्रमण को राज्य प्रायोजित आतंकवाद करार दिया.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी अंतिम योजनाओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना ​​है कि वह यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकने और वहां अपनी पसंद की सरकार स्थापित करना चाहते हैं. अधिकारियों का कहना है कि पुतिन यूरोप के मानचित्र को फिर से तैयार करने और रूस के प्रभाव को फिर से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

यूक्रेन की सहायता के लिए अमेरिका ने टैंक-रोधी हथियारों, बख्तरबंद और छोटे हथियारों सहित यूक्रेन को अतिरिक्त 35 करोड़ डॉलर देने का वचन दिया. जर्मनी ने कहा कि वह यूक्रेन को मिसाइल और टैंक रोधी हथियार भेजेगा तथा रूसी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर देगा.

कीव में लागू कर्फ्यू सोमवार सुबह तक जारी रहेगा. गोलाबारी से राजधानी में कर्फ्यू के कारण पसरा सन्नाटा लगातार टूट रहा था. शहर के बाहरी इलाके में लड़ाई से संकेत मिलता है कि रूस की छोटी टुकड़ियां मुख्य सैन्य बलों के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश कर रही थीं. कीव के अंदर कुछ रूसी सैनिकों की मौजूदगी की सूचना मिली है.

रूसी सेना यूक्रेन के दक्षिण में रणनीतिक बंदरगाहों पर नियंत्रण बनाने का भी प्रयास कर रही है. इसका उद्देश्य पश्चिम में रोमानिया के साथ लगती सीमा से पूर्व में रूस के साथ लगती सीमा तक फैले यूक्रेन के तटीय इलाकों पर बढ़त बनाना है.

रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी सेना ने काला सागर पर खेरसॉन के शहरों और जोव सागर पर बर्दियांस्क के बंदरगाह को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे यूक्रेन की समुद्री बंदरगाहों तक पहुंच सीमित हो गई है. इससे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है.

मंत्रालय क्रीमिया के लिए एक गलियारा बनाने की अनुमति भी दे सकता है, जिसे रूस ने 2014 में कब्जा लिया था. अब तक यह हिस्सा रूस से 19 किलोमीटर के एक पुल से जुड़ा है. यह यूरोप में सबसे लंबा पुल है, जिसे 2018 में खोला गया था.

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यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इस युद्ध में तीन बच्चों समेत 198 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आम नागरिक और कितने सैनिक हताहत हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि रूस के आक्रमण के बाद पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या अब दो लाख के पार चली गयी है. संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि संघर्ष की वजह से 40 लाख लोगों को दूसरी जगह पनाह लेनी पड़ सकती है, यह निर्भर करता है कि यह कितने समय तक जारी रहेगा.

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों का एक रूसी प्रतिनिधिमंडल रविवार को यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए बेलारूस के गोमेल शहर में पहुंचा. जेलेंस्की ने शुक्रवार को रूस की एक प्रमुख मांग पर बातचीत करने की पेशकश की थी. रूस की प्रमुख मांग है कि यूक्रेन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की महत्वाकांक्षा को त्याग दे.

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनका देश रूस के साथ शांति वार्ता करने के लिए तैयार है लेकिन बेलारूस में नहीं, जो मास्को की तीन दिन से चल रहे हमले के लिए जमीनी मदद कर रहा है. जेलेंस्की ने वार्ता के वैकल्पिक स्थानों के तौर पर वारसॉ, ब्रातिस्लावा, इस्तांबुल, बुडापेस्ट या बाकू का नाम लिया. उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों पर भी वार्ता हो सकती है लेकिन स्पष्ट किया कि यूक्रेन बेलारूस में वार्ता नहीं करेगा.

अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने चिह्नित किए गए रूसी बैंकों को स्विफ्ट वैश्विक वित्तीय प्रणाली से प्रतिबंधित करने पर सहमति व्यक्त की है. इस प्रणाली के जरिए दुनिया भर में 11,000 से अधिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से धन स्थानांतरित होता है.

Last Updated : Feb 27, 2022, 9:25 PM IST

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