नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यूक्रेन संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक संवेदनशील सरकार के रूप में काम करते हुए हमने हाल के इतिहास के सफलतम निकासी अभियान को पूरा किया और करीब 23 हजार भारतीयों को वापस लाने में सफल रहे. लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए सिंधिया ने कहा कि हम अलग-अलग दलों से हो सकते हैं लेकिन जब देश की बात आती है तब हमारा मत और आवाज एक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आग ले जाने के लिये दिन-रात निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
विपक्ष का आरोप- एडवाइजरी ठीक नहीं, सिंधिया का पलटवार : मंगलवार को लोक सभा में सिंधिया ने कहा कि अतीत में ऐसा कालखंड रहा है जब दो देशों के बीच युद्ध होने पर उसका प्रभाव उन देशों तक या आसपास के कुछ पड़ोसी देशों तक सीमित रहता था. लेकिन आज दुनिया एक दूसरे से कई माध्यमों से जुड़ गई है और किसी भी एक देश की घटना का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी हो, देश के 135 करोड़ लोगों तथा 110 देशों में बसे प्रवासी भारतीयों के प्रति उसकी जिम्मेदारी होती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रही है. यूक्रेन संकट के दौरान ठीक ढंग से भारतीयों के लिये परामर्श जारी नहीं करने के कुछ विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर सिंधिया ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल था जिसने संकट के शुरुआत में ही परामर्श जारी किया. उन्होंने कहा कि ये परामर्श 15, 18, 20 और 21 फरवरी को जारी किये गए.
पीएम मोदी ने सुरक्षित गलियारा बनाने पर जोर दिया : नागर विमानन मंत्री ने कहा कि उन्हें निकासी अभियान 'ऑपरेशन गंगा' के समन्वय के लिये माल्डोवा एवं रोमानिया भेजा गया और कहा गया कि भारतीय नागरिकों को लेकर आने वाली आखिरी उड़ान तक वहां रूकना है. उन्होंने कहा, 'यह एक संवेदनशीन प्रबंधन व्यवस्था का मजबूत उदाहरण है.' सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की. इसके अलावा उन्होंने यूक्रेन की सीमा से लगने वाले पांच पड़ोसी देशों के शासनाध्यक्षों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन से बातचीत करके प्रधानमंत्री ने भारतीयों को निकालने के लिये सुरक्षित गलियारा बनाने पर जोर दिया.