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कल तक मिल जाएगा उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री : दुष्यंत गौतम - उन्हें केंद्रीय राजनीति में लाया जाए

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा बेशक दे दिया हो, लेकिन केंद्र की राजनीति में उनके लिए एक विशेष जिम्मेदारी पार्टी ने सोच रखी है. हालांकि ये जिम्मेदारी क्या होगी, अभी ये साफ नहीं है. ईटीवी भारत को ये एक्सक्लूसिव जानकारी उत्तराखंड राज्य के प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम ने एक विशेष बातचीत में दी. कहा कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री भी मिल जाएगा.

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Published : Mar 9, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 6:26 PM IST

नई दिल्ली :दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि मैं अभी उत्तराखंड के लिए निकल रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा.

इस सवाल पर कि क्या वह आलाकमान की तरफ से कोई नाम लेकर जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कल विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी. विधायक ही तमाम बातों का निर्णय लेंगे. इस सवाल पर कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने 4 साल नहीं पूरे कर पाए क्या वजह थी कि बीजेपी ने उन्हें हटाया? इस पर उनका कहना था कि अभी तक शायद ही कोई ऐसा रहा है जिस पर कोई आरोप नहीं लगे हैं. लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे हैं जिन पर अभी तक कोई भी आरोप नहीं लगा है.

दुष्यंत गौतम ने कहा कि उन्हें कोई और भूमिका दी जाएगी. इस वजह से उन्हें हटाया गया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत की क्या भूमिका होगी? इस सवाल पर राज्य के प्रभारी का कहना है कि हो सकता है कि उन्हें केंद्रीय राजनीति में लाया जाए. लेकिन यह तय है कि कल तक उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा.

इस सवाल पर कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे को लेकर पार्टी अगले साल चुनाव में क्यों नहीं जाना चाहती थी और जब सालभर ही कार्यकाल बचा है, तो सीएम का चेहरा क्यों बदल दिया गया? उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम का कहना है कि उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगे हैं और जहां तक विधायकों की बात है, तो कहीं ना कहीं पार्टी में ऊपर नीचे चलता रहता है.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत

उत्तराखंड में अब तक सिर्फ नारायण दत्त तिवारी ने ही बतौर मुख्यमंत्री अपने पांच साल पूरे किए हैं. रावत का मुख्यमंत्रित्व काल खत्म होने में करीब एक साल बचा हुआ था. माना जा रहा था कि लंबे अर्से के बाद राज्य का कोई मुख्यमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाएगा. लेकिन चुनाव से ठीक एक साल पहले उत्तराखंड में कप्तान का चेहरा बदले जाने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के विधायक मुख्यमंत्री के कामकाज के तरीके से खुश नहीं थे. जाहिर है पार्टी ये नहीं चाहती कि अगले चुनाव से ठीक साल भर पहले विधायकों की नाराजगी मोल ली जाए और पार्टी सत्ता में आने से पहले ही बिखर जाए.

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उन्होंने कहा कि उनके लिए शायद कोई और भूमिका तय की गई है, इसलिए उन्हें वहां से हटाया गया. लेकिन उनके कार्यकाल में बहुत सारी ऐसी योजनाएं हुईं और बहुत सारे काम किए गए जो अपने आप में सराहनीय हैं.

Last Updated : Mar 9, 2021, 6:26 PM IST

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