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उज्जवला 2.0 : गैस सिलेंडर सस्ते नहीं हुए तो रसोई में उठता रहेगा लकड़ी का धुआं

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Published : Aug 10, 2021, 8:47 PM IST

महोबा से उज्जवला योजना 2.0 की शुरुआत जितनी धूमधाम से हुई है, ठीक वैसे ही 2016 में उज्जवला 1.0 का उद्घाटन हुआ था. बहुत हद तक यह योजना रसोई की मालकिन की जिंदगी सुधारने में सफल भी रही. मगर गिने-चुने 3 सिलेंडर मुफ्त में मिलने और रसोई गैस की बढ़ती कीमत ने उज्जवला की लाभार्थियों को दोबारा चूल्हे की ओर धकेल दिया. क्या उज्जवला योजना 2.0 सचमुच गरीबों की रसोई से पारंपरिक चूल्हा को बंद कराने में सफल होगी, यह बड़ा सवाल है ?

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2.0
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2.0

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के महोबा से उज्जवला योजना 2.0 की शुरुआत की. योजना का उद्देश्य एक करोड़ नए गरीब परिवार को कुकिंग गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना है. पीएम मोदी ने बताया कि उज्ज्वला योजना 2.0 का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को बहुत कम औपचारिकताएं करनी होंगी. प्रवासी श्रमिक परिवारों को राशन कार्ड या पते का प्रमाण पत्र लगाने की जरूरत नहीं होगी. निवास प्रमाण के लिए सेल्‍फ डेक्‍लेरेशन ही काफी होगा. इस बार स्कीम के तहत रेग्युलेटर, पाइप और सिलेंडर के साथ स्टोव भी मुफ्त में मिलेगा. पहली बार भरा हुआ सिलेंडर मुफ्त मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्‍च किया था. 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव हुए और भारतीय जनता पार्टी को 323 सीटें मिलीं. तब उज्जवला योजना 1.0 को नरेद्र मोदी का मास्टर स्ट्रोक बताया गया. इस स्कीम की चहुंओर प्रशंसा भी हुई. नरेंद्र मोदी ने इसका क्रेडिट सब्सिडी छोड़ने वाले 1.08 करोड़ उपभोक्ताओं को दिया था. 2022 में फिर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और प्रधानमंत्री ने उज्जवला 2.0 का शुभारंभ महोबा से कर दिया है.

उज्ज्वला योजना 2.0 में एक करोड़ नई लाभार्थियों को फायदा मिलेगा

गिव इट अप कैंपेन के बाद शुरू हुई थी उज्जवला योजना 1.0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च 2015 को पेट्रोलियम मंत्रालय के ऊर्जा संगम कार्यक्रम में 'गिव इट अप' का आह्वान किया था. इसके बाद 1.08 करोड़ उपभोक्ताओं ने स्वैच्छिक रूप से गैस की सब्सिडी छोड़ दी. इसके बाद सरकार ने 10 लाख की कुल आमदनी वाले परिवार को भी सब्सिडी देना बंद कर दिया. इस बचत से सरकार ने उज्जवला योजना शुरू की.

उज्जवला योजना 1.0 : लाभार्थियों ने यूज किए औसतन मात्र 3.1 सिलेंडर

7 सितंबर 2019 को तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ परिवारों को कनेक्शन दिया गया. 2020 तक यह आंकड़ा करीब 8.2 करोड़ हो गया. 2018 के NSSO सर्वे के अनुसार उज्जवला से जुड़ी महिलाओं में से 43 पर्सेंट पारंपरिक चूल्हे पर लौट गईं. सितंबर 2020 में कोझीकोड (केरल) से संसद सदस्य एम.के. राघवन के सवाल के जवाब में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था कि उज्ज्वला योजना के प्रत्येक लाभार्थी ने औसतन 3.1 एलपीजी सिलेंडर रिफिल किए हैं.

फाइल फोटो ..यह तस्वीर बिहार के पटना की है, जहां स्टोव धूल फांक रहा है

900 रुपये के करीब पहुंचा सिलेंडर का दाम, गरीब कैसे खरीदे

उज्ज्वला स्कीम के तहत 14.2 किलोग्राम वाले 3 सिलेंडर ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिए जाते हैं. एक महीने में एक ही सिलेंडर मुफ्त मिलता है. इसके बाद उसे गैस रीफीलिंग के पूरे पैसे देने होते हैं. यह गरीब परिवारों के लिए बड़ा खर्च है. अप्रैल 2020 में एक घरेलू गैस सिलेंडर 785.50 रुपये में मिला करता था और इस पर 199.10 रुपये की सब्सिडी आती थी. मई 2021 में सिलेंडर की कीमत 800 रुपये थी और खाते में सब्सिडी 40 रुपये 71 पैसे आई. रिपोर्टस के अनुसार यह स्कीम बीपीएल परिवार के लिए है, जिनकी औसत मंथली इनकम 4800 होती है. कोरोना काल में लोगों की आमदनी भी प्रभावित हुई. ऐसे हालात में उज्जवला के लाभार्थियों ने सिलेंडर रीफिल कराना बंद कर लिया.

फाइल फोटो..यह लखनऊ की हालत है, जहां उज्जवला 1.0 की लाभार्थी फिर पारंपरिक चूल्हे की ओर लौट चुकी हैं

नवंबर 2019 में NSSO के 76वें सर्वे में यह सामने आया कि देश के कुल हाउसहोल्ड में से केवल 61 पर्सेंट घरों में एलपीजी का उपयोग होता है. 44.5 पर्सेंट परिवार अभी भी खाना पकाने के लिए लकड़ी और भूसा आदि का उपयोग करते हैं. 5.5 पर्सेंट लोग खाना पकाने के लिए गोबर के उपले जलाते हैं.

यह राजस्थान के बांसवाड़ा का फाइल फोटो है, जहां उज्जवला 1.0 की लाभार्थी चूल्हे पर ही खाना बनाती है

पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसीस सेल (Petroleum Planning & Analysis Cell) ने 1 अप्रैल 2021 को रिपोर्ट जारी की थी, उसके अनुसार

  • भारत में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलयम के कुल 28.95 करोड़ सक्रिय LPG ग्राहक हैं.
  • देशभर में 25,083 वितरक डोमेस्टिक कैटिगरी के उपभोक्ताओं को सिलेंडर आपूर्ति कर रहे हैं.
  • एक्टिव घरेलू कनेक्शन के आधार पर देश के लगभग 99.8% परिवार तक एलपीजी की पहुंच हो गई है.
  • पेट्रोलियम कंपनियों के पास पूरे भारत में कुल 200 एलपीजी बॉटलिंग प्लांट हैं. जिनकी कुल क्षमता लगभग 21.2 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) है .
  • 2020-21 के दौरान इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलयम ने 85.8 लाख नए घरेलू ग्राहक जोड़े.
  • भारत में 0.7 मिलियन घरेलू उपभोक्ता पीएनजी ( Piped natural gas) का उपयोग करते हैं.

उज्जवला 2.0 का लाभ कैसे लें, योजना में आवेदन करने के लिए जरूरी पात्रता

  • आप घर बैठे एलपीजी कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं. आधिकारिक वेबसाइट https://www.pmuy.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा.
  • इसका फायदा उन महिला आवेदकों को ही मिलेगा, जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है.
  • महिला के पास एक बैंक खाता और गरीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड होना जरूरी है.
  • आवेदक के परिवार के किसी सदस्य के नाम पर LPG कनेक्शन नहीं होना चाहिए.
  • जब आवेदक https://www.pmuy.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर उसे भर देगी तो उसे नजदीकी गैस एजेंसी डीलर के पास जमा करना होगा.
  • डॉक्यूमेंट्स के वेरिफाई होने के बाद आपको LPG कनेक्शन मिल जाएगा.

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