MP Ujjain Nirbhaya Case: राहुल और प्रियंका गांधी ने महिला सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल, कहा- ऐसी लाडली बहना की चुनावी घोषणा का क्या फायदा.. - प्रियंका ने उठाए महिला सुरक्षा को लेकर सवाल
Rahul and Priyanka Gandhi on MP Rape Case: राहुल और प्रियंका गांधी ने एमपी में हुए निर्भया कांड को लेकर भाजपा सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा है कि ऐसी लाडली बहना की चुनावी घोषणा का क्या फायदा, जब सरकार महिलाओं को सुरक्षा ही ना कर पाए. वहीं कमलनाथ ने पीड़िता को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता देने की मांग की.
राहुल और प्रियंका गांधी ने महिला सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल
Ujjain Minor Rape Case:मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए निर्भया कांड, जिसमें 12 साल की नाबालिग के साथ रेप कर उसके प्राइवेट पार्ट में रोड डाली गई, इसके बाद जब पीड़िता मदद के ढ़ाई घंटे तक सड़क पर घूमती रही, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. फिलहाल अब इसी को लेकर विपक्ष हमलावर है, फिलहाल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मध्यप्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि "एमपी में लड़कियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और सीएम ने चुनावी भाषण के बीच बेटियों की चीखें दबा दी है."
प्रियंका ने उठाए महिला सुरक्षा को लेकर सवाल:प्रियंका गांधी ने कहा कि "भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ हुई बर्बरता आत्मा को झकझोर देने वाली है. अत्याचार के बाद वह ढाई घंटे तक दर-दर मदद के लिए भटकती रही और फिर बेहोश होकर सड़क पर गिर गई, लेकिन मदद नहीं मिल सकी. ये है मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा? भाजपा के 20 साल के कुशासन तंत्र में बच्चियां, महिलाएं, आदिवासी, दलित कोई सुरक्षित नहीं है. लाडली बहना के नाम पर चुनावी घोषणाएं करने का क्या फायदा है अगर बच्चियों को सुरक्षा और मदद तक नहीं मिल सकती?"
राहुल का एमपी सीएम और पीएम पर हमला:राहुल गांधी ने कहा कि "मध्य प्रदेश में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुआ भयावह अपराध, भारत माता के हृदय पर आघात है. महिलाओं के खिलाफ अपराध और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ हुए दुष्कर्म की संख्या सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में है. इसके गुनहगार वो अपराधी तो हैं ही जिन्होंने ये गुनाह किए, साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार भी है, जो बेटियों की रक्षा करने में अक्षम है. न न्याय है, न कानून व्यवस्था और न अधिकार.. आज मध्य प्रदेश की बेटियों की स्थिति से पूरा देश शर्मसार है, मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री में बिल्कुल शर्म नहीं है. चुनावी भाषण, खोखले वादों और झूठे नारों के बीच बेटियों की चीखें उन्होंने दबा दी हैं."
कमलनाथ ने की 1 करोड़ आर्थिक सहायता देने की मांग: उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उज्जैन की दर्दनाक घटना को लेकर प्रदेश सरकार से पीड़िता को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की है. कमलनाथ ने कहा कि "मध्यप्रदेश बेटियों के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है. इस सरकार के लिए बेटियों की सुरक्षा केवल विज्ञापन और भाषण का विषय है. उज्जैन में एक छोटी बच्ची के साथ अत्यंत क्रूरतापूर्ण दुराचार का मामला देख रूह कांप जाती है. 12 साल की बेटी के साथ जिस तरह का दुष्कृत्य हुआ और जिस तरह वह अर्धनग्न अवस्था में शहर के कई इलाकों में भागती रही, फिर बेहोश होकर सड़क पर गिर गई. उससे मानवता शर्मसार हो जाती है. कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहता हूं कि क्या सिर्फ चुनाव ही लड़ते रहेंगे और झूठी घोषणाएं ही करते रहेंगे. क्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से बनी बेटियों की तस्वीरों से पूरी मध्यप्रदेश के होर्डिंग भर देंगे, लेकिन मासूम बेटियों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देंगे."