उज्जैन। महाकाल मंदिर में हर रोज बड़ी संख्या में देश-विदेश से तीर्थ दर्शनार्थी व अन्य तीर्थ स्थलों पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ सावन में बढ़ जाती है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सहूलियत व क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक युक्त एक प्रोग्राम आगामी श्रावण माह से पहले जिला प्रशासन इंस्टॉल करने जा रहा है जिसका ट्रायल 30 जून को किया जाएगा. नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार का दावा है कि पूरे भारतवर्ष में इस तकनीक का उपयोग अब तक नहीं हुआ. यह कैमरे श्री महाकालेश्वर मंदिर और शहर के मुख्य मार्गों पर लगाए गए हैं.
500AI कैमरे इंस्टॉल: निगम कमिश्नर द्वारा ने बताया कि टी.सी.आई.एल (टैली कम्युनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड की पब्लिक सेक्टर यूनिट) के जरिए भारत सरकार के सहयोग से उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम युक्त 500 कैमरा इंस्टाल किये गए हैं. उज्जैन बाबा महाकाल दर्शन या फिर मुख्य रुप से कोई व्यक्ति भीड़ में कहीं गुम हो जाता है उसकी लोकेशन वह कहां था और कहां है पता की जा सकेगी. साथ ही जो असामाजिक तत्व है उन्हें चिन्हित किया जा सकेगा. पुलिस को क्राइम मामलों में इससे मदद मिलेगी. इसके साथ ही जो शहर में वीआईपी, वीवीआईपी मूवमेंट होता है उनके प्रोटोकॉल के बीच अगर कोई आता है तो उसमें भी पकड़ की जा सकेगी.
10 करोड़ का लगेगा सिस्टम: निगम कमिश्नर ने कहा महाकाल लोक में लगी प्रतिमाओं को लेकर यह खास तकनीक का उपयोग होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपनी एक लाइन तय करेगा. उस लाइन को अगर कोई क्रॉस करता है तो वह अलर्ट करेगा, जिससे प्रतिमाओं को कोई हाथ नहीं लगा पाएगा. इस पूरी व्यवस्था में 500 कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही कंट्रोल कमांड रूम से 15-15 का स्टाफ 24 घंटे निगरानी रखेगा. यह पूरा सिस्टम आगामी श्रावण माह के पहले इंस्टॉल किया जाएगा. निगम कमिश्नर का दावा है कि पूरे भारतवर्ष में सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला यह क्षेत्र है और यहां पर ही इंस्टॉल हो रहा है. भारत सरकार के पीएसयू के सहयोग से हम इस कार्य को कर रहे है इस पूरी व्यवस्था की अनुमानित लागत ₹10 करोड़ के आसपास है.