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MP: हजरत मोहम्मद पर निबंध, प्रतियोगिता पर रोक, सिर्फ गैर मुस्लिमों को एंट्री देने से बढ़ा विवाद - गैर हिंदूओं को एंट्री देने से बढ़ा विवाद

उज्जैन में हजरत मोहम्मद पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जानी थी. जिस पर रोक लगा दी गई है, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के आदेश के बाद निबंध पर रोक लगा दी गई है. हिंदु संगठन के आक्रोश के बाद यह कार्रवाई की गई है. इस प्रतियोगिता में सिर्फ गैर मुस्लिम लोगों को ही प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति दी गई थी.

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हजरत मोहम्मद निबंध प्रतियोगिता पर रोक

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Published : Dec 13, 2022, 5:53 PM IST

हजरत मोहम्मद निबंध प्रतियोगिता पर रोक

उज्जैन। जिले में हजरत मोहम्मद पर होने वाली प्रतियोगिता पर हिंदूवादी संगठन के आक्रोश के बाद निबंध प्रतियोगिता को रोक दिया गया है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार सुबह बयान जारी करते हुए इस निबंध प्रतियोगिता पर रोक लगा दी है. निबंध प्रतियोगिता में सिर्फ गैर मुस्लिम युवक युवतियों को ही आमंत्रित किया गया था, जिसमें इन्हें हजरत मोहम्मद के जीवन पर 5 से 10 पेज के अंदर निबंध लिख कर देना था. जैसे ही इसकी भनक हिंदूवादी संगठनों को लगी तो, उन्होंने आपत्ति जताई. इसके बाद गृह मंत्री के निर्देश पर प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया गया है.

हजरत मोहम्मद को लेकर निबंध प्रतियोगिता:उज्जैन में होने वाली प्रतियोगिता में पैगाम ए इंसानियत सोसायटी द्वारा एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. जिसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सिर्फ गैर मुस्लिम को ही प्रतियोगिता में भाग लेने की इजाजत दी गई थी. इसके लिए उज्जैन शहर में सात अलग-अलग सेंटर बनाए गए थे. साथ ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भी एक लिंक दी गई थी. जैसे ही इसकी जानकारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मिली तो इसकी शिकायत उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल से की. विवाद बढ़ता देख मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से इस निबंध प्रतियोगिता पर रोक लगा दी है.

स्थगित हुई प्रतियोगिता: जिसके बाद उज्जैन एसपी ने पैगाम में इंसानियत सोसाइटी के जिम्मेदारों से बात करके निबंध प्रतियोगिता को स्थगित करवा दिया है. निबंध प्रतियोगिता को लेकर हुए विवाद के बाद प्रतियोगिता को सथगित कर दिया है. पैगामे इंसानियत से जुड़े शमी मोहम्मद खान ने बताया की प्रतियोगिता के लिए 50 रुपए शुल्क रखा गया था. जिसमें प्रतियोगी को इसके एवज में एक किताब भी दी जाती जो मोहम्मद साब के जीवन पर आधारित थी. इसके लिए शहर में सात सेंटर बनाये गए थे, जहां से प्रतियोगियों को एंट्री दी जानी थी.

हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे को जाने इसलिए रखी गई प्रतियोगिता: पैगामे इंसानियत सोसायटी के सय्यद नासिर अली नकवी ने बताया की सभी को एक दूसरे का जानने का हक है. जिससे भाई चारा बढ़ेगा, हिन्दू मुस्लिम एक दूसरे को जाने जिससे बुराई खत्म होगी. इसके लिए एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें मुस्लिमों को एंट्री इसलिए नहीं दी जार ही थी की वे पहले से मोहम्मद (स.अ.व.) को जानते हैं और प्रतियोगिता में भाग लेंगे तो ये ही जीत जायेंगे. इसलिए दूसरे धर्म के लोग भी हजरत मोहम्मद को जानें, इस वजह से गैर मुस्लिम के लिए ये प्रतियोगिता आयोजित की थी, लेकिन एसपी के कहने पर फिलहाल प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया है. वहीं उज्जैन बजरंग दल के जिला सयोंजक पिंटू कौशल ने बताया की एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी, जिसमें सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही प्रतियोगिता में शामिल किया जाना था. इस प्रकार की निबंध प्रतियोगिता में हिंदुओं का धर्मांतरण करवाने की साजिश भी हो सकती थी.

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