मुंबई : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) किसी भी निवासी की पहचान के लिए स्मार्टफोन को 'सार्वभौमिक प्रमाणक' के रूप में उपयोग करने पर विचार कर रहा है. यूआईडीएआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग ने 'ईटीबीएफएसआई कन्वर्ज' शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रमाणीकरण के लिए वर्तमान में उंगलियों के निशान, आंखों (आईरिस) और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग किया जाता है और इसका दायरा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं.
गर्ग ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि स्मार्टफोन एक सार्वभौमिक सत्यापक के रूप में कैसे विकसित हो सकता है. इस दिशा में काम चल रहा है और हमें आशा है कि हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम होंगे. इससे लोगों को जहां वे रह रहे हैं, वही से प्रमाणीकरण करने में मदद मिलेगी.'