नई दिल्ली : छात्रों पर प्रवेश परीक्षा का दबाव कम करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एक नया प्रस्ताव लेकर आया है. यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार (UGC Chairman M. Jagadish kumar ) ने कहा कि एनईईटी और जेईई मेन को सीयूईटी (CUET) में मर्ज करने की योजना है. वर्तमान में इन तीनों परीक्षाओं का आयोजन NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा किया जाता है. अगर सभी में एक ही परीक्षा के बाद प्रवेश प्रक्रिया हो तो एनटीए इसे बेहतर ढंग से संचालित करने में सक्षम होगी. छात्र एक ही परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर पाठ्यक्रम का चयन कर सकते हैं, इसलिए हम यह नई नीति लाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित भागीदारों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने और आम सहमति पर पहुंचने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है. नई नीति जो लाई जा रही है उसके बारे में उन्होंने ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में कई और बातों का खुलासा किया.
सवाल:परीक्षा पैटर्न में क्या बदलाव होने वाला है?
जवाब : वर्तमान में NEET के छात्र भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान लिखते हैं. जेईई के छात्र मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री लिखते हैं. CUET में इन विषयों के साथ 61 अलग-अलग विषय भी शामिल हैं. हमें लगता है कि यदि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के आधार पर सभी सीयूईटी एक साथ आयोजित की जाएं, तो छात्रों के लिए यह आसान हो जाएगा. ऐसा होने पर नीट में प्रवेश देने वाले शैक्षणिक संस्थान केवल भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को ही लेंगे और उन्हें सीट देंगे. इंजीनियरिंग संस्थान गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय के अंकों पर विचार करते हैं. जिन छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिसिन में सीट नहीं मिलती है, वे समान प्रवेश परीक्षा स्कोर के साथ अन्य सामान्य विश्वविद्यालयों में अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं.
सवाल: विलय नीति का विचार कैसे आया?
जवाब: सीयूईटी (सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) की शुरुआत के बाद से देश में एनईईटी और जेईई मेन तीन प्रमुख परीक्षाएं हैं. ज्यादातर छात्र तीनों देते हैं. तभी मेरे मन में यह विचार आया कि एक छात्र को तीन परीक्षाएं देने की क्या जरूरत है.
सवाल:सिंगल इंट्रेस एग्जाम से क्या फायदा है?
जवाब: छात्रों को कई परीक्षाओं की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी, यह एक बड़ा फायदा है. एक परीक्षा पर ध्यान देना ही उसके लिए काफी है. वह भी 12वीं कक्षा में पढ़े गए विषयों पर ध्यान दें तो काफी है. परीक्षा में चार प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे. टेस्ट में परीक्षार्थियों की याद करने की क्षमता का परीक्षण होगा. साथ ही एक पैराग्राफ दिया जाता है जिससे उसकी विश्लेषणात्मक शक्ति का परीक्षण होगा.