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Sanatan Dharma : स्टालिन के बयान से 'इंडिया' में सियासी तूफान, कांग्रेस 'असहज'

तमिलनाडु के सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर ऐसा बयान दिया, जिस पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. भाजपा तो उनके बयान पर हमलावर है ही, इंडिया के घटक दल भी असहज हो गए हैं. कांग्रेस न तो खुलकर समर्थन कर पा रही है, और न ही खुलकर विरोध कर पा रही है. आम आदमी पार्टी ने भी स्टालिन के बयान का विरोध किया है. प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी उनके बयान को सही नहीं ठहराया है. हालांकि, राजद ने उनके बयान का बचाव किया है.

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सनातन पर छिड़ा विवाद

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 7:02 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के एक बयान ने पूरे देश की राजनीति को गर्म कर दिया है. स्टालिन ने सनातन धर्म पर एक बयान दिया. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना से की. स्टालिन ने कहा कि इन बीमारियों की तरह सनातन धर्म को मिटाना जरूरी है. बस, उनका यह बयान आना था कि भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने 'तूफान' ला दिया. उनका यह ऐसा बयान है, जिसका बचाव कांग्रेस भी नहीं कर पा रही है. उनका यह बयान इंडिया गठबंधन के लिए भी गले की 'फांस' बन गया है. इसके बावजूद उदयनिधि अपने बयान पर कायम हैं.

उदयनिधि ने कहा कि हमने किसी के नरसंहार करने की बात नहीं कही है, भाजपा हमारे बयान को नरसंहार से जोड़ रही है, बल्कि हमने यह कहा है कि सनातन धर्म ऐसा सिद्धांत है, जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटता है, इसके खत्म करने की बात कही है, इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है ? उदयनिधि ने कहा कि मानवता और समानता को कायम रखने के लिए सनातन को खत्म करना जरूरी है.

उदयनिधि सिर्फ डीएमके के विधायक नहीं हैं, बल्कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे भी हैं. और डीएमके का स्टैंड सर्वविदित है. अपने बेटे को सियासी चक्रव्यूह में पड़ते देख सीनियर स्टालिन भी बहस में कूद पड़े. उन्होंने अपने बेटे के बयान का समर्थन किया. स्टालिन ने कहा कि भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा है. वह लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटती है. सीनियर स्टालिन ने मणिपुर और हरियाणा (मेवात हिंसा) की घटना का जिक्र किया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि अगर इनके एजेंडे को नहीं रोका गया, तो ये पूरे देश को हरियाणा या फिर मणिपुर बना डालेंगे. लेकिन भाजपा ने उन पर तीखा प्रहार किया.

भाजपा ने उदयनिधि के बयान को शर्मनाक बताया. पार्टी ने कहा कि डीएमके नेता ने सोच-समझकर यह बयान दिया है, क्योंकि बाद में जब उनसे पूछा गया, उस पर भी उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं, इसका मतलब है कि वो हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं.

भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उदयनिधि ने दो दिन पहले जो बयान दिया, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उस पर अब तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है. प्रसाद ने कहा कि राहुल तो अपने आपको हिंदू और गोत्र वाला और जनेऊधारी बताते हैं. वो मंदिर-मंदिर घूमते हैं. पूजा करने का ढोंग भी करते हैं. उन्होंने कहा कि इंडिया के घटक दलों के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, न तो नीतीश और न तो तेजस्वी कुछ बोल रहे हैं. प्रसाद ने कहा कि पूरा इंडिया गठबंधन ही हिंदू विरोध की जमीन पर खड़ा है और वोट के लिए वे ऐसा करते रहेंगे.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेता तुष्टिकरण के लिए हिंदुत्व का अपमान करते हैं. उन्होंने लिखा, आईएनडीआईए के सनातन धर्म विरोधी विचार बाहर आ चुके हैं. वे हिंदू वोट के लिए कभी पूजा तो कभी धर्म पाठ का नाटक करते हैं. उन्होंने लिखा कि हिंदुत्व के अंत का स्वप्न देखने वाले आक्रांताओं की नस्लों का अंत हो गया.

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 'नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलने वाले' खुलकर नफरत बांट रहे हैं, लेकिन सबने अपनी जुबान पर ताला लगा लिया है. उन्होंने स्टालिन की गिरफ्तारी की मांग की है. मोदी ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि देशद्रोह का मामला बनता है.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हिंदू धर्म को गाली देना इंडिया गठबंधन की नीति है. उनके नेता बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को आहत करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस बयान का खंडन नहीं कर रही है, बल्कि उसका महिमामंडन कर रही है. ऐसे ही लोगों ने 2014 में भगवा आतंकवाद शब्द को उछाला था, और फिर जनता से जिस प्रकार से जवाब दिया, उन्हें याद होगा. प्रधान ने कहा कि जब से काशी में तमिल संगमम को आयोजित किया गया है, डीएमके डर गई है.

उदयनिधि के बयान पर कांग्रेस नेताओं में असमंजस की स्थिति बन गई है. कुछ नेताओं ने इसकी खुलेआम मुखालफत की. आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा कि कोई भी हिंदू धर्म और सनातन को नहीं मिटा सकता है. छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सनातन धर्म सालों से चला आ रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म का वेद तो पूरी दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ है और यह ज्ञान का सोर्स है.

कांग्रेस नेता वीके वेणुगोपालने कहा कि हम सर्वधर्म समभाव में यकीन रखते हैं. कार्ति चिदंबरम ने कहा कि भाजपा ने उदयनिधि के बयान को नरसंहार से जोड़ा, जो शरारतपूर्ण है. राशिद अल्वी ने माना कि उदयनिधि का बयान ठीक नहीं है, लेकिन इस स्थिति के लिए भाजपा ही जिम्मेवार है.

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और किसी भी धर्म पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने कहा कि हम सब सनातन धर्म को मानते हैं और यहां पर कोई किसी को दुश्मन नहीं मानता है. टीएमसी ने भी उदयनिधि के बयान की निंदा की है.

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि स्टालिन की भाषा और उनके भाव दोनों ही गलत थे. विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि वह सत्ता के अहंकार में चूर हैं, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं. कुमार ने कहा कि सनातन धर्म के सामने कई चुनौतियां आईं, कभी मुसलमानों के रूप में तो कभी ईसाइयों के रूप में, लेकिन कोई भी इसे नहीं डिगा सका.

राजद नेता ने कहा कि हिंदू धर्म या फिर सनातन में जाति व्यवस्था है और इसका तो कोई भी समर्थन नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि कभी-कभार कुछ बातें प्रतीकों और मुहावरों के जरिए की जाती हैं, हमें उसी अर्थ में उनके बयान को देखना चाहिए.

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि की सनातन धर्म पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर कहा, 'हिंदू विरोधी बयान देने के लिए गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, कांग्रेस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तर्क के पीछे छिप रही है.' मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, 'अगर इसके स्थान पर इस्लाम, ईसाई धर्म आदि अन्य धर्मों के खिलाफ कोई टिप्पणी होती तो क्या कांग्रेस इस मुद्दे को ऐसे ही छोड़ देती? वास्तव में यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.' सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की साजिश.'

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Last Updated : Sep 4, 2023, 10:54 PM IST

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