मुंबई :2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की याचिकाओं पर आज फैसला सुनाया. हालांकि प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ शिंदे गुट को भी आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने कहा है कि चूंकि सोलह विधायकों की अयोग्यता का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है, इसलिए यह निर्णय अध्यक्ष को लेना चाहिए. लिहाजा अब शिंदे गुट के 16 विधायकों का भविष्य विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में होगा. इस सिलसिले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा जो भी रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं वे बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि पूरा देश इस फैसले को लेकर उत्सुक था, उस समय राज्यपाल ने जो किया वह पूरी तरह से असंवैधानिक था. वह राज्यपाल के अधिकार में नहीं था. यह बात अब कोर्ट ने भी कही है.
उन्होंने कहा कि पार्टी का जनादेश मेरी शिवसेना के पास रहेगा. प्रधान न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि अगर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो हम उसमें मदद करते. बता दें कि इससे पहले महाविकास अघाड़ी के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देकर गलती की है. इस बारे में बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अगर मैंने इस्तीफा नहीं दिया होता तो मैं फिर से मुख्यमंत्री बन गया होता. लेकिन मैं अपने लिए नहीं लड़ रहा हूं. मैं देश के लिए लड़ रहा हूं. ये लोग देश को फिर से गुलाम बनाने की फिराक में हैं. मेरा इस्तीफा नैतिक आधार पर दिया गया है, तो यह सही है.'
उद्धव ने कहा कि मैंने इसे कानून का मामला समझे बिना अपना इस्तीफा दे दिया. मैंने नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा दिया. मेरी पार्टी को सब कुछ देने वाले लोगों ने ऐसा ही किया. अब 16 विधायकों की अयोग्यता का फैसला विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर लेंगे. इस बारे में बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उस संस्था के सम्मान को बनाए रखने के लिए दिया है. लेकिन आखिरकार पार्टी का आदेश मेरी शिवसेना पर लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि राज्यपाल को जो करना था वह कर दिया लेकिन उनके लिए सजा क्या है? साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपना काम दायरे में रहकर करना चाहिए.