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असली शिवसेना किसकी? उद्धव ने शिंदे-नार्वेकर को दी सार्वजनिक बहस की चुनौती - Uddhav challenges Shinde speaker

Uddhav challenges Shinde and speaker: शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने 'असली शिवसेना कौन सा गुट है?' इसे लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सार्वजनिक बहस करने की चुनौती दी है.

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उद्धव ठाकरे

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 10:05 PM IST

मुंबई:उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने शिवसेना के संविधान का सबूत दिखाया. उद्धव ने कहा कि 'शिवसेना हमारी है, व्हिप भी हमारा है. शिवसेना मेरे पिता की पार्टी है.' उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से पूछा है 'आपने 2014 और 2019 में मेरा समर्थन क्यों किया?'

उद्धव ठाकरे ने विधायक अयोग्यता मामले में पिछले हफ्ते फैसला देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 'राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लोगों के बीच सार्वजनिक बहस के लिए आना चाहिए तब उन्हें पता चलेगा कि असली शिवसेना कौन है.' उन्होंने कहा कि 'एकनाथ शिंदे समय गुजारने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं.

ठाकरे ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि 'ईडी भी उनकी है, वह अब खुलकर बोल रहे हैं कि सरकार गिराने की साजिश में पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी शामिल थे. इससे राज्य सरकार गिर गई. उसके बाद राज्य में असंवैधानिक सरकार आ गई. विपक्षी शिवसेना इसे ख़त्म करने की कोशिश कर रही है. एनसीपी को भी ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी के अध्यक्ष खुलकर बोल रहे हैं. देश में एक ही पार्टी होगी तो सवाल है कि लोकतंत्र की आलोचना होगी या नहीं.'

उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'लोकतंत्र की हत्या की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई. देश में खतरनाक तरीके से राजनीति चल रही है. लेकिन महाराष्ट्र की धरती गद्दारों का साथ नहीं देगी, राज्य की धरती उन्हें दफन कर देगी. यदि मेरा चयन अमान्य है, तो मेरा हस्ताक्षर कैसे प्राप्त किया जाएगा?' उन्होंने यह भी कहा कि 'शिवसेना मेरे पिता की पार्टी है.'

'चुनाव आयोग के खिलाफ मामला दायर किया जाना चाहिए':उद्धव ने कहा कि 'चुनाव आयोग के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने हमें काम पर रखा. हमने जो लाखों रुपए के दस्तावेज दिए थे, उनका उन्होंने क्या किया? इसलिए, हमारा पैसा हमें वापस किया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'ये सिर्फ उद्धव ठाकरे की लड़ाई नहीं है. पूरी दुनिया देख रही है.' क्या इस देश में लोकतंत्र है या नहीं? यह एक लड़ाई है, सुप्रीम कोर्ट या मध्यस्थ कौन बड़ा है?, लोकतंत्र बचेगा या नहीं? क्या सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व और सर्वोच्चता बची रहेगी? ऐसे कई सवाल ठाकरे ने उठाए हैं.

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