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पाक की कुटिल चाल को मात देने के लिए भारत ने रणनीति में किया था बदलाव - एयर स्ट्राइक के बाद की प्रमुख घटनाएं

1971 में पाकिस्तान की धरती पर भारतीय वायुसेना की ओर से पहली बार बड़ी कार्रवाई की गई थी. आतंकवाद से लड़ने के लिए वायुसेना का इस्तेमाल करना अहम फैसला रहा है. वर्ष बीतते गए, लेकिन पाकिस्तान द्धारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते कई बार उसे भारत से मुंह की खानी पड़ी. आइए जानते हैं वायुसेना के पराक्रम की पूरी कहानी.

एयर स्ट्राइक
एयर स्ट्राइक

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Published : Feb 20, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 8:37 PM IST

हैदराबाद :26 फरवरी 2019 को भारतीय सेना ने पीओके के अंदर घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमले किए. इससे पहले वायुसेना ने साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाक में एयर स्ट्राइक की थी. यह एयर स्ट्राइक सीआरपीएफ की टुकड़ी पर किए गए आत्मघाती हमले का जवाब था. आतंकवाद और अन्य निकटता का उपयोग करके यह पाकिस्तान की कुटिल योजना का मुकाबला करने में भारत की रणनीति में एक बदलाव था.

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद इन दो वर्षों में पुलवामा जैसा कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में कोई कमी नहीं आई.

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल 41 आतंकी हमले हुए हैं. आतंकवादियों के घुसपैठ के प्रयासों के चलते भारतीय सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ विरोधी ग्रिड स्थापित की गई है. इसे सेना और बीएसएफ की सतर्कता और कड़ी निगरानी के साथ मजबूत किया जा रहा है.

उरी और बालाकोट दोनों एयर स्ट्राइकों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान की घटिया चाल पर भारत की दृढ़ता का प्रदर्शन किया है. इसकी साहसिकता का अनुमान संघर्ष विराम उल्लंघन की संख्या से लगाया जा सकता है, जो 2019 में 3479 से बढ़कर 2020 में 5133 हो गई.

पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीयकरण करने की हर कोशिश की, 1947 में हुए 65 युद्धों के दौरान उसने जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से हथियाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा और 1999 में हुए कारगिल में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी.

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पाकिस्तान पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से आतंकवाद को एक राज्य की नीति के रूप में आगे बढ़ा रहा है और कश्मीरी युवाओं को बंदूक उठाने व भारतीय राज्य के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रहा है. जब भी कश्मीर में स्थिति सामान्य रहती है, तभी पाकिस्तान स्थानियों को भड़काने लगता है, यह उसकी आदत हो चुकी है.

भारत ने बार-बार कहा है कि आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना जरूरी है. साथ ही आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करें, यह दोनों राष्ट्रों के बीच भविष्य की बातचीत के लिए पूर्व शर्त है.

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद की प्रमुख घटनाएं-

वर्ष कुल घटनाओं की संख्या सुरक्षा बलों द्वारा शुरू की गई आतंकवादियों द्वारा शुरू किया गया

एनएस द्वारा शुरू की गई

(निर्दिष्ट नहीं है)

2019(मार्च से) 21 8 7 6
2020 47 5 32 10
2021(15.02.21) 3 0 2 1

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से हताहतों की संख्या

वर्ष हत्या की घटनाएं असैनिक सुरक्षा बल आतंकवादी/विद्रोही/चरमपंथी निर्दिष्ट नहीं कुल
बालाकोट के हमले के बाद ( मार्च 2019 से 15.02.21 )
2019 115 39 27 124 0 190
2020 140 33 56 232 0 321
2021 6 0 1 12 0 13

पाकिस्तान द्वारा अग्नि उल्लंघन का विरोध

वर्ष 2019 2020 2021(28th जनवरी)
संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं 3479 5133 299
नागरिकों की हत्या 18 22
शहीद सुरक्षाकर्मी 19 24
Last Updated : Mar 1, 2021, 8:37 PM IST

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