श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गुरुवार को तड़के दो आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर आत्मघाती हमला किया जिसमें तीन जवान शहीद हो गए. चार घंटे तक चली गोलीबारी के बाद दोनों आतंकवादी मारे गए. मारे गए आतंकियों के पास से हैंड ग्रेनेड व अन्य हथियार बरामद हुए हैं. व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने बताया कि दो एके 47, 9 मैगजीन, 300 राउंड, 5 ग्रेनेड, अन्य प्रशासनिक स्टोर बरामद हुए हैं. वहीं, शहीद जवानों की पहचान सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार और राइफलमैन लक्ष्मणन डी. के रूप में हुई है.
जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया, 'गुरुवार तड़के, राजौरी जिले के पारगल में सेना की चौकी पर तैनात सतर्क संतरियों ने संदिग्ध व्यक्तियों को खराब मौसम का फायदा उठाते हुए चौकी के पास आते देखा.' उन्होंने कहा कि संतरियों ने उन दो आतंकवादियों को चुनौती दी जिन्होंने चौकी के अंदर प्रवेश करने का प्रयास करते हुए ग्रेनेड फेंके. उन्होंने बताया कि हालांकि, सतर्क सैनिकों ने क्षेत्र को घेर लिया. आनंद ने बताया कि गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए और इस अभियान में भारतीय सेना के छह सैनिक घायल हो गये और उनमें से तीन जवान शहीद हो गए.
उन्होंने बताया कि शहीद हुए सेना के जवानों में सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान के झुंझुनू जिले के मालिगोवेन गांव के), राइफलमैन लक्ष्मणन डी (तमिलनाडु के मदुरै जिले के टी पुडुपट्टी गांव के) और राइफलमैन मनोज कुमार (हरियाणा के फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव के) थे. अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां से 185 किलोमीटर दूर पारगल स्थित सैन्य शिविर के बाहरी घेरे से अंदर आने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों ने देर रात लगभग दो बजे पहली बार गोलीबारी की.
स्वतंत्रता दिवस के चार दिन पहले किया गया यह हमला लगभग तीन साल के अंतराल के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावरों) की वापसी का संकेत है. आखिरी आत्मघाती हमला 14 फरवरी 2019 को दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के लेथपोरा में हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि गुरुवार को हमला करने वाले दोनों 'फिदायीन' संभवत: आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के थे. सिंह के अनुसार, दोनों ने शिविर में घुसने का प्रयास किया लेकिन मारे गए. उन्होंने बताया कि हमले के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें सेना के तीन जवान मारे गए. आखिरी बार गोलीबारी सुबह लगभग छह बज कर दस मिनट पर हुई.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने कहा, 'कुछ लोगों (आतंकवादियों) ने पारगल में सेना के एक शिविर की बाड़ पार करने की कोशिश की. जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. भीषण गोलाबारी में दो आतंकवादी मारे गए.' एडीजीपी ने बताया कि दारहल थाने से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित सेना के इस शिविर में अतिरिक्त बल भेजा गया है. उन्होंने कहा कि तलाशी और घेराबंदी अभियान जारी है.