श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आज सुरक्षा बलों (security forces) और आतंकवादियों (terrorists) के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर (top Lashkar-e-Taiba commander) सहित दो आतंकवादी (Two terrorists) मारे गए.
वहीं, बड़गाम जिले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ कर एक स्थानीय आतंकवादी और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने आज (सोमवार) बताया कि गिरफ्तार किये गए आतंकी सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के संपर्क में थे.
बड़गाम में पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों ने लश्कर से संबंध रखने वाले एक स्थानीय आतंकवादी यूनिस मीर को गिरफ्तार किया और उसके पास से हथियार तथा अन्य चीजें बरामद की गईं.
पढ़ें-मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव और बढ़ा
प्रवक्ता ने कहा कि मीर बड़गाम जिले के चून क्षेत्र का निवासी है. उन्होंने कहा कि उसके पास से एक चीनी पिस्तौल, एक मैगजीन और पिस्तौल की आठ गोलियां बरामद की गई. मीर से की गई पूछताछ के आधार पर पुलिस को उसके चार आतंकी साथियों को पकड़ने में सफलता मिली.
उन्होंने कहा, उनके पास से दो ग्रेनेड, गोलाबारूद और अन्य चीजें बरामद की गईं. उनकी पहचान जहूर गनी, उमर फारूक वानी, फैजान कयूम गनी और शाहनवाज अहमद मीर के रूप में की गई है. प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किये गए आतंकवादी और उनके साथी बड़गाम के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकवादियों को हथियार, गोलाबारूद और आश्रय मुहैया कराते थे.
प्रवक्ता ने कहा, गिरफ्तार किया गया स्थानीय आतंकवादी और उसके साथी सोशल मीडिया मंचों के जरिये पाकिस्तानी आकाओं के सम्पर्क में थे. इसके अलावा वे कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय कमांडरों के भी लगातार संपर्क में थे.
पढ़ें-उत्तर प्रदेश : पुलिस चौकी पर महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, वीडियो वायरल
उन्होंने बताया कि शोपियां में इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम (Ishfaq Dar alias Abu Akram) न सिर्फ सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए बल्कि आम नागरिकों की हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार था. पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने रविवार रात को दक्षिण कश्मीर के चेक-ए-सिदिक खान इलाके ( Chek-e-Sidiq Khan area) में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था.
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि होने पर उन्हें बार-बार आत्मसमर्पण का अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाब दिया. इसके बाद तलाश अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया.
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LED) के दो आतंकवादी मारे गए, जिनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए. पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम के रूप में हुई है.
पढ़ें-चीनी चालबाजी : लद्दाख के पास लड़ाकू विमान अड्डा विकसित कर रहा 'ड्रैगन'
2017 से पुलिस, सुरक्षा बलों तथा आम नागरिकों की हत्या सहित कई आतंकवादी घटनाओं में वह लिप्त था. दूसरे आतंकवादी की पहचान माजिद इकबाल के तौर पर हुई है.
डार शोपियां के हफ्शीरमल का रहना वाला था, जबकि भट शोपियां के मेलीबाग इमामसाहब का निवासी था. प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए आतंकवादी विभिन्न आतंकी वारदातों में शामिल संगठनों का हिस्सा थे और उनके खिलाफ ऐसे कई मामले दर्ज थे.
उन्होंने बताया, डार वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था और इसके अलावा कई आतंकी वारदातों में शामिल संगठनों से जुड़ा था. उसने सुरक्षा प्रतिष्ठानों, आम नागरिकों की हत्याओं, आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर उन्हें गुमराह किया.
प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद, दो एके -47 राइफल और आठ मैगजीन जब्त की गई. उन्होंने बताया कि कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को पेशेवर तरीके से सफल अभियान चलाने और बिना किसी क्षति के वांछित आतंकवादी को ढेर करने के लिए बधाई दी.
(भाषा)