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देवांशी और कैफ को मिला 'द डायना अवार्ड 2021' - द डायना अवार्ड 2021

कोविड के साथ बदलती दुनिया में काम करने के लिए लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा देवांशी रंजन तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र कैफ को प्रतिष्ठित 'द डायना अवार्ड 2021' से सम्मानित किया गया है.

द डायना अवार्ड 2021
द डायना अवार्ड 2021

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Published : Jun 30, 2021, 10:23 AM IST

नई दिल्ली :एलएसआर कॉलेज (LSR College) की एक छात्रा और जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के एक छात्र को 2021 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा (promote the United Nations Sustainable Development Goals) देने व युवा परिवर्तनकारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिष्ठित डायना पुरस्कार से सम्मानित (honored with the Diana Award) किया गया है.

एलएसआर कॉलेज की 21 वर्षीय देवांशी रंजन (Devanshi Ranjan) अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. वह लाडली फाउंडेशन ट्रस्ट नामक एनजीओ (NGO named Ladli Foundation Trust) के साथ काम करते हुए कोविड-19 महामारी (covid 19 pandemic) के बीच गरीब बच्चों विशेषकर छात्राओं की पढ़ाई में मदद कर रही हैं.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (Bachelor of Architecture) (बी.आर्क) में चौथे वर्ष के छात्र कैफ अली को सतत आश्रय का डिजाइन तैयार करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया कि उनके डिजाइन से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली.

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वेल्स की राजकुमारी डायना की स्मृति में दिये जाने वाले इस पुरस्कार को किसी युवा व्यक्ति के सामाजिक कार्यों या मानवीय प्रयासों के लिए दिया जाने वाला 'सर्वोच्च सम्मान' माना जाता है.

जामिया के बयान के अनुसार, अली ने प्रीफेब्रिकेटेड एक सतत आश्रय डिजाइन किया, जिससे न सिर्फ संक्रमण के प्रसार में मदद मिली बल्कि इसमें भविष्य में दुनिया भर में शरणार्थियों को रखा जा सकता है. उनका यह डिजाइन अब लागोस, नाइजीरिया में भी लागू किया जा रहा है. भारत सरकार, राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन का समाधान करते शीर्ष 11 उभरते नवाचार स्टार्टअप के रूप में इसकी सराहना की है.

देवांशी रंजन ने कहा, पांच मई को पता चला कि मुझे डायना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. मैं बेहद उत्साहित थी, लेकिन 28 जून को डिजिटल समारोह शुरू होने तक अपने परिवार के अलावा किसी और के साथ यह खबर साझा नहीं कर सकी.

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उन्होंने कहा, मेरा काम कोविड-19 महामारी से संबंधित राहत कार्य के आसपास केंद्रित था. कई सर्वेक्षणों और खबरों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों विशेषकर छात्राओं की संख्या में वृद्धि की बात सामने आई, जिनके लिये ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करना आसान नहीं था. मैंने एनजीओ लाडली ट्रस्ट के साथ काम किया और अपने कार्यक्रम 'पठनशाला' के तहत झुग्गी बस्तियों व गांवों के छात्र-छात्राओं के लिये कार्यशालाएं आयोजित कीं.

दुनियाभर में नौ से 25 वर्ष की आयु के 400 लोगों को डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

(भाषा)

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