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यूपी : प्रतापगढ़ के शिक्षक नेता हत्याकांड में दो को मृत्युदंड और पांच को उम्रकैद की सजा - Shobhnath Mishra, District President of Primary Education Association

प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र हत्याकांड मामले में दोषियों को सजा सुनाई गई. 14 जुलाई 2012 को प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की घर में घुसकर गोलीमार हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शिक्षक समेत सात आरोपियों को परिजनों ने नामजद किया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई.

Pratapgarh
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Published : Oct 27, 2021, 5:19 PM IST

प्रतापगढ़ :उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दो हत्यारोपी को फांसी की सजा (Death Sentence) सुनाई है, जबकि पांच अन्य हत्यारोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायलय ने हत्यारोपियों पर दो-दो लाख का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. आरोपी राजेश सिंह और नौशाद को फांसी की सजा हुई है.

यह सजा प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र हत्याकांड मामले में सुनाई गई. बता दें कि 14 जुलाई 2012 को प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की घर में घुसकर गोलीमार हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शिक्षक समेत सात आरोपियों को परिजनों ने नामजद किया था. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई.

शिक्षक नेता हत्याकांड में दो को मृत्युदंड और पांच को उम्रकैद की सजा

बता दें कि लगभग आठ साल पहले 14 जुलाई 2012 की रात प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शोभनाथ मिश्र की अजीतनगर स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह बरामदे में बैठकर कुछ शिक्षकों के साथ बातचीत कर रहे थे. शिक्षक नेता की पत्‍‌नी की तहरीर पर पुलिस ने शिक्षक राजेश सिंह निवासी सेतापुर, प्रदीप सिंह व अशोक मिश्र समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी.

विवेचना के दौरान पुलिस ने यह दावा किया कि घटना की साजिश जेल में बंद भानु दुबे ने रची थी. घटना को भानु के छोटे भाई अनुज दुबे, नौशाद उर्फ डीएम, अरुण तिवारी उर्फ लोटा तिवारी ने अंजाम दिया था. इस तरह विवेचना में भानु दुबे, अनुज दुबे, नौशाद, अरुण तिवारी का नाम भी प्रकाश में आ गया.

तीन माह तक शांत रही कोतवाली पुलिस अचानक उस समय सक्रिय हो गई जब एसपी ने आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्यवाही करने का फरमान सुनाया. फौरन गैंगेस्टर चार्ट तैयार करके सीओ के यहां भेज दिया गया. वहीं इस मुकदमे की पैरवी अनिल कुमार मिश्र शासकीय फौजदारी के अधिवक्ता द्वारा की गई.

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