अयोध्याः भगवान रामलला के भव्य मंदिर में लगायी जानी वाली भगवान श्रीराम की अचल प्रतिमा को लेकर पत्थरों की चयन प्रक्रिया पर विचार-विमर्श का दौर जारी है. नेपाल के काली गंडकी नदी से लायी गयी देव शिला को पूजन के बाद अयोध्या के रामसेवक पुरम में रखा गया है. अब इसी क्रम में कर्नाटक के मैसूर से भी दो अलग-अलग तरह की शिलाएं अयोध्या पहुंची हैं, जिसमें एक श्याम रंग की है तो दूसरी अंदर से पीले रंग की है.
इन शिलाओं को भी रामसेवक पुरम में देव शिलाओं के पास में ही रखा गया है. मूर्ति के स्वरूप आकार प्रकार को लेकर मूर्तिकला के विशेषज्ञ लगातार मंथन कर रहे हैं. वहीं, भगवान के विग्रह के लिए भी पवित्र शिलाओं के परीक्षण और चयन की प्रक्रिया सतत चालू है. कर्नाटक के मैसूर से पूजित दो शिलाएं मंगलवार को अयोध्या पहुंची हैं. इसमें एक शिला श्याम रंग की है तो दूसरी अंदर से पीले रंग की है. देव शिलाओं के परीक्षण का भी कार्य शुरू कर दिया गया है. वास्तु वैज्ञानिक शिलाओं का परीक्षण कर रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि 2 देव शिला नेपाल के काली गंडकी नदी से अयोध्या लायी गयी थी, जो रामसेवक पुरम में रखी हैं. अब कर्नाटक के मैसूर से भी दो शिलाएं लाई गई हैं, जिनको रामसेवक पुरम में रखा गया है. सभी शिलाओं को इकट्ठा रखा जा रहा है. मूर्तिकला के विशेषज्ञ मूर्तिकार इन पत्थरों का अपने मानक पर परीक्षण करके मूर्ति निर्माण के आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे.