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दिल्ली में गिरफ्तार आईएसआईएस के तीन आतंकियों में दो झारखंड के रहने वाले, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट - Jharkhand news

दिल्ली से गिरफ्तार हुए तीन आतंकियों में से दो झारखंड के रहने वाले हैं (ISIS terrorists in Jharkhand). झारखंड से आतंकियों के तार जुड़ने से इंटेलिजेंस एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और आगे की जांच कर रही हैं.

ISIS terrorists in Jharkhand
ISIS terrorists in Jharkhand

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 6:40 PM IST

Updated : Oct 3, 2023, 7:28 PM IST

रांची: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को आईएसआईएस के जिन तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था, उनमें दो झारखंड के रहने वाले हैं. दोनों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इनमें शाहनवाज आलम एनआईए का मोस्ट वांटेड था और उस पर तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था. वह हजारीबाग शहर के पगमिल-पेलावल का रहने वाला है.

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दूसरा आतंकी अरशद वारसी झारखंड के गढ़वा का रहने वाला है. इनकी गिरफ्तारी की खबर उनके होमटाउन पहुंची तो हर कोई सन्न रह गया. दोनों के परिजनों में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है. इसके पहले 19 जुलाई को एनआईए ने झारखंड के लोहरदगा से आईएसआईएस के एक अन्य आतंकी फैजान को गिरफ्तार किया था.

ढाई महीने के दौरान आईएसआईएस से जुड़े झारखंड के तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. झारखंड में इनसे जुड़े लोगों के कांटैक्ट्स खंगाले जा रहे हैं. आशंका है कि इन्होंने राज्य में कई अन्य युवाओं को संगठन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ रखा है.

लोहरदगा के फैजान से पूछताछ के आधार पर एनआईए ने बीते दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में छापामारी की थी. उससे मिली जानकारी के आधार पर एनआईए ने आईएसआईएस के लिए काम करने वाले मध्य प्रदेश के देवड़ा निवासी राहुल सेन को गिरफ्तार कर बीते दिनों रांची लाया था. हजारीबाग के रहने वाले शाहनवाज उर्फ अब्दुल्ला उर्फ शफी उज्जमा उर्फ प्रिंस ने बेंगलुरु के विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग इंजीनियरिंग में बी-टेक किया है. उसके पिता हजारीबाग में केएन इस्लामिया स्कूल में हेडमास्टर रह चुके हैं. उसका पासपोर्ट रांची में 31 अक्टूबर 2016 को बना था, जिसकी वैधता 30 अक्टूबर 2026 तक है. हजारीबाग के बड़ा बाजार थाने की पुलिस ने उसे उसके दो साथियों के साथ वर्ष 2020 में पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था.

करीब छह महीने तक हजारीबाग स्थित जेपी सेंट्रल जेल में रहने के बाद वह जमानत पर छूटा तो पुणे चला गया था. बताया जाता है कि माइनिंग इंजीनियर होने के चलते उसे बम ब्लास्ट का ज्ञान है. उसने बम बनाने के कई प्रयोग भी किए. उसने वहीं किसी लड़की से शादी की. उसके खिलाफ पुणे के जंगल में बम विस्फोट का ट्रायल करने के मामले में केस दर्ज हुआ था.

चितौड़गढ़ ब्लास्ट में भी जांच एजेंसी को उसकी तलाश थी. एनआईए ने मोहम्मद शाहनवाज के ठिकाने से पिस्टल, आइईडी बनाने के सामान, विस्फोटक, केमिकल, जेहादी व बम बनाने का साहित्य आदि बरामद किया था. मोहम्मद शाहनवाज के दूसरे साथी, जिस मोहम्मद अरशद वारसी को गिरफ्तार किया गया है, वह गढ़वा शहर के रॉकी मोहल्ला का रहने वाला है. वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र रहा है. उसके पिता वारिस खान एक सरकारी शिक्षक हैं. राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय मझिआंव में उनकी पदस्थापना है. अरशद की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया से लोगों को मिली तो लोग सन्न रह गए.

(इनपुट- आईएएनएस)

Last Updated : Oct 3, 2023, 7:28 PM IST

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