जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार शाम 6 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में पहले तो 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने पर चर्चा हुई और सहमति बन गई, लेकिन इसी बीच वैक्सीन बर्बादी को लेकर सरकार पर लग रहे आरोपों पर चर्चा शुरू हुई. सभी मंत्रियों ने अपनी-अपनी राय देना शुरू किया.
बैठक के मुख्य एजेंडे पर चर्चा के बाद राजनीतिक चर्चा के दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बीच में टोक दिया. जिस पर दोनों मंत्रियों के बीच बात बिगड़ गई. डोटासरा ने बैठक में बताया कि कांग्रेस ने आज नि:शुल्क वैक्सीनेशन की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चालाया था. अब हर जिले में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे. इस अभियान को ग्राउंड पर भी उतारने की जरूरत है.
डोटासरा के इतना कहते ही धारीवाल ने डोटासरा से कह दिया कि इसकी क्या जरूरत है. मंत्रियों का काम ज्ञापन देने का थोड़े ही है. डोटासरा ने इस पर आपत्ति जताई तो धारीवाल भी अड़ गए और कहा कि मैं अपनी बात रखूंगा. इस पर दोनों में खूबी बहस हुई. बात तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गई. साथी मंत्रियों ने बीच-बचाव कर दोनों को शांत किया.
डोटासरा ने सीएम से कहा- कार्रवाई करो.
डोटासरा ने सीएम से भी शिकायती लहजे में कहा कि आपके सामने धारीवाल जी कैसा बर्ताव कर रहे हैं, कार्रवाई कीजिए. पार्टी संगठन के मुद्दे पर अध्यक्ष को बोलने तक नहीं दिया गया. डोटासरा बैठक से जाने को तैयार हो गए, लेकिन सीएम ने उन्हें शांत करवाते हुए अपनी बात पूरी करने को कहा. इसके बावजूद दोनों के बीच विवाद शांत नहीं हुआ. धारीवाल ने डोटासरा से यहां तक कह दिया कि जो बिगाड़ना है वह बिगाड़ लेना, ऐसे बहुत अध्यक्ष देखे हैं. धारीवाल डोटासरा से बोले- मैं आपके आदेश मानने को बाध्य नहीं. वहीं, डोटासरा ने कहा कि जयपुर प्रभारी के नाते एक मीटिंग तक नहीं ली, सोनिया गांधी को रिपोर्ट दूंगा.
जब तक पार्टी अध्यक्ष हूं, मेरी बात माननी पड़ेगी.
जब तक पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं, आदेश तो मानने ही पड़ेंगे. अभी तक पार्टी में जैसा मैं आदेश दूंगा, वह सबको मानना ही पड़ेगा. धारीवाल और डोटासरा पहले कैबिनेट की बैठक मेें भिड़े, इसके बाद बैठक खत्म होने के बाद बाहर आकर भी रूके नहीं. दोनों में हुई इस तकरार को दूसरे मंत्रियों ने बीच-बचाव कर रोका. मंत्रियों के बीच कहासुनी यहां तक पहुंच गई कि दोनों ने एक दूसरे को देख लेने तक की धमकी दे डाली.