वाराणसी: लंका थाना क्षेत्र के मदरवा इलाके में बुधवार की रात घर के अंदर उषा त्रिपाठी का कंकाल मिला था. जिनकी मौत करीब एक साल पहले हो गई थी. तब से उसकी दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ रह रही थीं. इस मामले का बुधवार की रात खुलासा होने के बाद अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है. शव की फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. साथ ही दोनों बेटियों को पड़ोस के मकान में सुरक्षित रखा गया है. वहीं, पड़ोसियों ने जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है. पड़ोसियों के अनुसार शव से बदबू न फैले, इसलिए दोनों बहने रूम फ्रेशनर, परफ्यूम और अगरबत्ती का इस्तेमाल कर रही थीं.
परिवार के और सदस्य भी आ चुके हैं, लेकिन कोई बात करने को तैयार नहीं है, हां घटनाक्रम के बाद लोगों की भीड़ जरूर घर के बाहर लगी हुई है. आसपास के लोगों के अलावा दूर दराज से भी लोग घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वास्तव में एक साल तक लाश घर में होने के बावजूद किसी को इस बात की भनक नहीं थी कि कोई मृत व्यक्ति घर के अंदर बंद है.
इन सबके बारे में ईटीवी भारत की टीम ने पड़ोस के लोगों से बातचीत करके उनकी प्रतिक्रिया ली. कुछ लोगों ने चीजें स्पष्ट बताईं तो कुछ ने घुमा फिराकर, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिन दो बेटियों ने एक साल तक मां की लाश घर में रखकर उसका अंतिम संस्कार भी नहीं किया, उन बेटियों को अब पड़ोस के मकान में रखा गया है. जिस मकान में वह हैं, वहां के लोग भी इस बात से डरे हैं कि आखिर इनको कब तक रखना होगा.
हालांकि परिवार के लोगों ने पुलिस से यह कह दिया है कि आज भर इन्हें रहने दें. फिर इन्हें दूसरी जगह ले जाकर रखें, क्योंकि पड़ोस के लोग भी एक साल तक लाश के साथ रहने वाली इन दो बेटियों की एक्टिविटी से काफी डरे हुए है. पड़ोस के लोगों ने बताया कि उषा की दोनों बेटियां पल्लवी (28) और वैष्णवी (18) बीते 15-20 दिन से नॉर्मल एक्टिविटी कर रही थीं. रोज सुबह शाम घर से निकलती थीं.
पड़ोस में रहने वाले पप्पू सिंह के मकान में जाकर वह खाने-पीने की चीजें मांगती थीं. पप्पू सिंह को दोनों बेटियां मामा कहकर पुकारती हैं. पप्पू सिंह ने बताया कि बीते 15 दिन से सुबह शाम का खाना पीना हम ही दे रहे थे. वह आती थे उनसे हम पूछते थे. मम्मी का क्या हाल है तो कहती थीं ठीक हैं. कहती थी कि अब हमें लगता है पापा-मम्मी की फिर से शादी करवानी होगी.
पप्पू ने बताया कि लगभग दो से तीन साल पहले बलिया के रहने वाले इन बच्चियों के पिता परिवार से अलग हो गए. खेतीबाड़ी करके वह अपना जीवन यापन करते थे. उषा अपनी दोनों बेटियों के साथ पिता के इस घर में रहती थीं. इस घर में उषा के अलावा उनकी दो बहनों का भी हिस्सा था, लेकिन पिता ने पूरा घर उषा को ही दे रखा था. एक बेटी लखनऊ में जबकि दूसरी मिर्जापुर में रहती है. सूचना के बाद पूरा परिवार यहां पहुंचा है.