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Crypto Currency Fraud: क्रिप्टो करेंसी के जरिए 95 लाख की ठगी, महाराष्ट्र से दो साइबर क्रिमिनल्स गिरफ्तार - झारखंड न्यूज

झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में छापेमारी कर क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी करने वाले दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. साइबर अपराधियों के इस गिरोह ने धनबाद के रहने वाले एक व्यक्ति से क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा देकर 95 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया था.

Crypto currency fraud
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 5:49 PM IST

रांची: महाराष्ट्र पुलिस की सहायता से सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी करने वाले दो साइबर अपराधी प्रतीक संतोष राव राउत और अभिषेक संतोष तुपे को औरंगाबाद से गिरफ्तार किया है. झारखंड में क्रिप्टो करेंसी के जरिए ठगी के कई मामले रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन यह पहला मामला है जिसमें सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच को कामयाबी हाथ लगी है. इस मामले में सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने 40 लाख 74 हजार रुपये फ्रीज भी करवा दिया था. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित कई बैंकों के चेक बरामद किए गए हैं.

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जीवनसाथी डॉट कॉम के जरिए की ठगी: सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि जीवनसाथी डॉट कॉम (jeevansathi.com) पर उपलब्ध प्रोफाइल के माध्यम से साइबर अपराधियों ने धनबाद के एक व्यक्ति से फिशिंग वेबसाइट www.banocoin.org पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश के बहाने 95 लाख रुपये की ठगी की थी. ठगी के बाद सीआईडी ​​रांची में आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सभी फर्जी वेबसाइटों का मूल स्थान हांगकांग, चीन और कंबोडिया में पाया गया. मनी ट्रेल से यह जानकारी हासिल हुई कि ठगी के पैसे विदेशी बैंक, महाराष्ट्र, यूपी और दिल्ली के कुछ इंडियन बैंकों के खातों में भी भेजे गए हैं. जिसके बाद सीआईडी ​​झारखंड ने सीआईडी, गृह मंत्रालय की मदद से एसपी महाराष्ट्र साइबर संजय शिंत्रे की मदद मांगी. महाराष्ट्र पुलिस ने ठगी के इस मामले में पूरी मदद की जिसके कारण मामले का खुलासा हुआ और दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.

किंगपिन विदेश में है, गिरफ्तार आरोपी है कुरियर:झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार दोनों साइबर अपराधी एजेंट मात्र हैं. इस कांड का मुख्य आरोपी विदेश में बैठा हुआ है, जिसके बारे में सीआईडी को पूरी जानकारी मिल गई है. मुख्य आरोपी भारत का ही रहने वाला है उसके पासपोर्ट संबंधित जानकारी इकट्ठा की जा रही है, ताकि उस पर भी नकेल कसी जा सके.

22 बैंकों के खातों के प्रयोग:जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि ठगी के पैसे 22 बैंक खातों के जरिए ठगों ने ट्रांसफर किए थे. 22 में से अधिकांश बैंक खाते विदेशों में हैं. ठगी के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप वर्चुअल नंबर के द्वारा बनाया गया था. इसके बाद ग्रुप के माध्यम से पीड़ित को जोड़ा गया, जोड़ने के बाद निवेशक को निवेश में डबल और ट्रिपल मुनाफा का आश्वासन दिया गया था. पैसे के निवेश के लिए चाइनीज एप नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था, साथ ही एप वास्तविक नजर आए इसके लिए एक फेक वेब पेज भी बनाया गया. लेकिन जैसे ही पैसे की ठगी हुई वेबसाइट भी बंद हो गया और व्हाट्सएप खाता भी.

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