रांचीः झारखंड में लाख प्रयास के बावजूद साइबर ठगी के मामले कम नहीं हो रहे हैं. लगभग हर दिन साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा रहे हैं लेकिन साइबर ठगी की वारदात रुकने का नाम नहीं ले रही. राजधानी में ऐसे दो साइबर क्रिमिनल्स पकड़े गए हैं जो क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल्स का विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है. सीआईडी मामले की तफ्तीश कर रही है.
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लगातार विदेशी कनेक्शन आ रहे सामनेःझारखंड में साइबर अपराधियों के लगातार विदेशी कनेक्शन सामने आ रहे हैं. ठगी के पैसे को फ्रीज होने से बचाने के लिए साइबर अपराधी धड़ले से विदेशी खातों का प्रयोग कर रहे हैं. सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की जांच में एक बार फिर यह खुलासा हुआ है. सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही दो ठगों को रांची से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों का कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के साथ होने के संकेत मिले हैं.
गिरफ्तार अपराधियों में नीरज कुमार पांडेय और एक अन्य शामिल हैं. दोनों साइबर अपराधियों ने आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 1.10 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया था. बैंक ने जब जांच किया तो पता चला कि आरोपी नीरज के खाते से विदेशी खातों में लेन-देन हुए हैं. बैंक ने जब राशि लौटाने का दबाव बनाया तो ठगों ने देने से इनकार कर दिया. इसके बाद आरबीएल बैंक के मुख्य कार्यालय शाहपुरी में कार्यरत पंकज भगत ने नीरज के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है.
विदेशी खातों से ट्रांजेक्शन होने पर बढ़ा दी कार्ड की लिमिटःआरबीएल बैंक के अधिकारी पंकज भगत की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि बोकारो स्टील सिटी निवासी नीरज कुमार पांडेय ने क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में आवेदन दिया था. शुरुआत में एक लाख रुपए लिमिट निर्धारित कर बैंक ने नीरज को क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया. क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने के बाद नीरज के खाते में विदेशी बैंक से रकम आने लगे. यह देखकर बैंक ने उनके क्रेडिट कार्ड का लिमिट बढ़ा 1.10 करोड़ रुपए कर दी थी.
निर्धारित समय से पहले ही खर्च कर दिया पैसाःबैंक की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1.10 करोड़ होते ही नीरज ने निर्धारित समय से पहले ही राशि खर्च कर दी. जब बैंक ने खाते की जांच की तो पता चला कि नीरज के खाते में विदेशों से आयी राशि भी वापस हो गई. बैंक को यह भी पता चला कि विदेश के दर्जनों खाते से नीरज के खाते में राशि भेजी गई थी.
राशि लौटाने से किया इनकारःअधिकारी पंकज ने सीआईडी के क्राइम ब्रांच की टीम को बताया कि आरोपी नीरज से राशि लौटाने के लिए कई बार बैंक से नोटिस भेजा गया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. जब बैंक की टीम आरोपी के घर पहुंची तो उसने पैसा देने से इनकार कर दिया. इसके बाद 28 अगस्त को साइबर क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया.