कोचिंग छात्र आत्महत्या मामले के बाद कोटा पुलिस भेजेगी छात्र थाने खोलने का प्रस्ताव... कोटा.कोटा में रविवार को दो कोचिंग छात्रों के आत्महत्या कर ली थी. इनमें से बिहार निवासी मृतक छात्र के भाई-बहन ने पढ़ाई छोड़ वापस जाने का मन बना लिया है. उनका कहना है इस प्रकरण के बाद वे यहां पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं. वहीं, जिला कलेक्टर ने इन दोनों मामलों के बाद अगले दो महीने तक किसी भी तरह के टेस्ट लेने पर रोक लगा दी है. साथ ही कोचिंग संस्थानों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
पुलिस ने मृतक छात्र आदर्श का पोस्टमार्टम करवा शव उसके चाचा को सौंप दिया. आदर्श के चाचा पप्पू सिंह का कहना है कि मैंने उसके दोस्तों से भी बात की. ऐसा कुछ सामने नहीं आया है. उन्होंने इसे एक अनहोनी बताया है. कुन्हाड़ी थाना अधिकारी गंगासहाय शर्मा का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद अब छात्र की आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है. हालांकि छात्र का रविवार को टेस्ट हुआ था, जिसमें कम अंक आने के बाद ही यह घटनाक्रम हुआ है.
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बिहार के रोहतास जिले के निवासी छात्र आदर्श के मामा के बेटे आशीष का कहना है कि अब वह भी यहां पर पढ़ाई नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उनकी बहन शिवानी, भाई मयंक और वे तीनों वापस जा रहे हैं. उनका कहना है कि भाई आदर्श के साथ में बचपन से खेले हैं और पढ़ाई की है. उसे खोने का दर्द नहीं झेल पाएंगे. आशीष ने कहा कि उन्होंने रविवार को कोचिंग से आने के बाद खाना बनाया और साथ में खाया था. इसके बाद सभी अपने-अपने रूम में जाकर सो गए थे. अचानक से शाम को यह घटनाक्रम हुआ. इसकी भनक भी हमें नहीं लगी थी.
देर रात को हुआ पोस्टमार्टम: विज्ञान नगर थाना इलाके में हुए सुसाइड के मामले में मृतक छात्र अविष्कार संभाजी का शव लेकर परिजन महाराष्ट्र निकल गए. अविष्कार बीते 2 सालों से कोटा में ही मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहा था. उसके भी रविवार को आयोजित हुए टेस्ट में कम अंक आए थे. वह महाराष्ट्र के लातूर जिले के अहमदनगर निवासी था और अपने नाना नानी के साथ तलवंडी में पीजी में रहता था. उसने इंडस्ट्रियल एरिया में कोचिंग संस्थान परिसर में ही सुसाइड किया था.
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दोनों सुसाइड में एक बात कॉमन: रविवार को हुए दोनों सुसाइड में एक चीज कॉमन नजर आ रही है कि दोनों ही बच्चों के टेस्ट हुए थे और दोनों के नंबर कम आए थे. हालांकि दोनों ही कोचिंग छात्र पढ़ाई में कोई कोताही नहीं बरत रहे थे. वे लगातार कोचिंग संस्थान में पढ़ने के लिए जा रहे थे. इसके अलावा जितने भी सुसाइड पहले हुए हैं, उनमें कोचिंग से अनुपस्थित छात्र रह रहे थे. साथ ही कुछ विद्यार्थी टेस्ट देने में भी कोताही बरत रहे थे.
पूरे इलाके में करवाएंगे सर्वे:कुन्हाड़ी इलाके में सुवालका पर्ल नाम की बिल्डिंग में मृतक कोचिंग छात्र आदर्श अपने भाई बहनों के साथ रह रहा था. इसमें एक फ्लैट उन्होंने किराए से लिया था. ऐसे में वहां पर पंखों में एंटी सुसाइड रोड नहीं थी. इसी पर गंगासहाय शर्मा का कहना है कि वह जहां भी बच्चे रहते हैं, पूरे इलाके में सर्वे करवाएंगे और उसके बाद सभी बिल्डिंग मालिकों को निर्देशित करेंगे कि वह पंखों में एंटी सुसाइड रोड लगवाएं. इसी तरह का काम पीजी में भी करवाया जाएगा.
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कोचिंग संस्थान पर हो सकती है कार्रवाई: पूरे मामले पर कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन टेस्ट आयोजित करना कोचिंग संस्थान की गलती है. कोचिंग संस्थान से इस संबंध में पूछताछ की गई है कि सन्डे को टेस्ट क्यों आयोजित किया था. प्रारंभिक तौर पर उन्होंने बताया है कि अति पिछड़े और कमजोर बच्चों का ही टेस्ट पढ़ाई के बाद रविवार को लिया जाता है. बाकी बच्चों की छुट्टी होती है.
इस पर उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जा रही है और अगर इसमें कोचिंग संस्थान दोषी पाया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनका कहना है कि जिस तरह से टूरिस्ट या फिर साइबर थाने खोले जा रहे हैं. इस तर्ज पर कोटा में कोचिंग थाना भी खोला जा सकता है. इसके लिए वह पुलिस हैडक्वाटर को दो दिन में प्रस्ताव भेजेंगे. वर्तमान में यहां पर पुलिस स्टूडेंट हेल्प सेल का संचालन किया जा रहा है.
2 महीने तक नहीं होगा कोई भी टेस्ट : जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने अगले दो महीने तक किसी भी तरह के टेस्ट लेने पर बैन लगा दी है. उन्होंने कहा कि टेस्ट के बाद ही अधिकांश विद्यार्थी तनाव में आते हैं और उसी के बाद सुसाइड अटेम्प्ट या आत्महत्याओं के मामले बढ़ते हैं. कलेक्टर ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें रोज छात्रों का ऑनलाइन सर्वे किया जाना शामिल है. इसके साथ ही बुधवार को हाफ-डे करने पढ़ाई और बाकी समय कोचिंग परिसक में फन एक्टिविटी आयोजिन करने के लिए भी कहा गया है.