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कर्नाटक में आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा के दो विधायकों ने मुख्यमंत्री से मांगा जवाब

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के दो विधायक बी पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड विभिन्न समुदायों द्वारा की जा रही आरक्षण की मांग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के जवाब की मांग को लेकर आसान के सामने आ गए.

कर्नाटक विधानसभा
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Published : Sep 24, 2021, 4:53 AM IST

Updated : Sep 24, 2021, 4:59 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब पार्टी के दो विधायक बी पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड विभिन्न समुदायों द्वारा की जा रही आरक्षण की मांग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के जवाब की मांग को लेकर आसान के सामने आ गए.

इससे पहले इस मुद्दे को उठाते हुए, यतनाल ने कहा कि छह महीने पहले हुए विधानसभा सत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सदस्यों को आश्वासन दिया था कि वह छह महीने के भीतर आरक्षण पर विभिन्न समुदायों की मांगों पर विचार करेंगे और सभी वर्गों को सामाजिक न्याय प्रदान करेंगे, और वह समय सीमा 15 सितंबर को खत्म हो गई है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदर्शन पहले ही शुरू हो चुके हैं और सरकार से आग्रह किया कि वह सदन को स्पष्ट कि क्या वह तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा करेगी? यतनाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और कानून मंत्री इस मुद्दे का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद नहीं हैं.

जब विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने बताया कि मंत्री सी सी पाटिल जवाब देने के लिए तैयार हैं क्योंकि मुख्यमंत्री और कानून मंत्री विधान परिषद में हैं तो यतनाल ने कहा कि उन्होंने केवल मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है और चाहते हैं कि अध्यक्ष यह बताएं कि उन्हें जवाब कब मिलेगा?

अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के सदन में होने के बाद सदस्य को जवाब मिल जाएगा लेकिन यतनाल इससे राज़ी नहीं हुए और वह आसान के सामने आ गए और कहने लगे कि वह प्रदर्शन करेंगे. उसके बाद बेलाड भी वहां पहुंच गए.

यतनाल और बेलाड दोनों पंचमसाली लिंगायत समुदाय से हैं. समुदाय की मांग है कि उसे ओबीसी की श्रेणी 2ए के तहत माना जाए.

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हस्तक्षेप करते हुए, विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि यतनाल को या तो मंत्री सी सी पाटिल के जवाब को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि वह मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, या मुख्यमंत्री के उच्च सदन से आने की प्रतीक्षा करनी चाहिए. "कृपया सदन का समय बर्बाद न करें."

अध्यक्ष और सीसी पाटिल से मुख्यमंत्री से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के आश्वासन के बाद, यतनाल और बेलाड आसान से वापस चले गए.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 24, 2021, 4:59 AM IST

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