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झारखंड : खोदाई के दौरान मिलीं पाल वंश काल की दो मूर्तियां चोरी

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Published : Mar 21, 2021, 4:28 PM IST

झारखंड के हजारीबाग जिले में खोदाई के दौरान एक दर्जन से अधिक पाल वंश के समय की मूर्तियां मिली हैं. उन्हीं मूर्तियों में से दो मूर्तियां चोरी हो गई हैं. चोरी की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई है. ऐसे में सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है. मूर्तियां 1000 से 1200 वर्ष पुरानी होने के इस कारण ये बहुमूल्य बताई जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में भी आंकी जा सकती है.

हजारीबाग में खोदाई
हजारीबाग में खोदाई

हजारीबाग :झारखंड के हजारीबाग जिले में पिछले कई महीनों से मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बोहरनपुर में पुरातात्विक विभाग उत्खनन कर रहा है. इस खोदाई कार्य में एक दर्जन से अधिक पाल वंश के समय की मूर्तियां निकली हैं. उन्हीं मूर्तियों में से दो मूर्तियां चोरी हो गई हैं. चोरी की सूचना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई है. सूचना के बाद आला अधिकारी समेत ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए.

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1000 से 1200 वर्ष पुरानी मूर्तियां
इन दिनों हजारीबाग पूरे देशभर में पाल वंश के मूर्तियां खोदाई के दौरान मिलने से सुर्खियों में है. आलम यह है कि हर रोज सैकड़ों की संख्या में दर्शनार्थी यहां पहुंच भी रहे हैं. चोरी हुई दोनों मूर्तियां बुद्ध की बताई जा रही हैं. बीती रात खोदाई का कार्य समाप्त होने के बाद सभी मजदूर अपने घर को चले गए और रात के समय यह घटना घटी है.

यह मूर्ति पाल वंश काल की है. अगर समय की बात की जाए तो ये मूर्तियां 1000 से 1200 वर्ष पुरानी हैं और सेंड स्टोन की बनी हुई हैं. ऐसे में पुरातात्विक विभाग बहुत ही उत्साहित होकर उत्खनन का कार्य कर रही थी. बताया जाता है कि सुरक्षा के लिए एक कैंप भी लगाया गया है और जवान रात के वक्त नीचे सोए हुए थे और यह घटना घट गई.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की कीमत
पुरातात्विक उत्खनन के दौरान एक दर्जन से अधिक पाल वंश के समय की बुद्ध, मां तारा समेत कई अन्य मूर्तियां निकली हैं, जिस तरह से मूर्तियां यहां निकल रही हैं, ऐसे में यहां म्यूजियम बनाने की बात भी हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने पिछले दौरे के दौरान बोहरनपुर में ही किया था. जिस तरह से मूर्तियां चोरी हुई हैं, ऐसे में सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि मूर्तियां मिल रही हैं, इस कारण सीसीटीवी की भी व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन नहीं हुई. इस कारण यह घटना घटी है. मूर्तियां 1000 से 1200 वर्ष पुरानी होने के इस कारण ये बहुमूल्य बताई जा रही हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में भी आंकी जा सकती है.

चोरी होने के बाद ग्रामीण काफी दुखी हैं. मुखिया ने बताया कि उन लोगों ने इस घटना की सूचना पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधि को दी है और आपस में बैठक भी कर रहे हैं कि कैसे आखिर इस जगह को सुरक्षित रखा जाए.

वहीं, रांची से आए पर्यटक भी इस घटना से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है, जिससे हमारी सभ्यता और संस्कृति के बारे में पता चलता है. अगर यह चोरी हो रही है तो सही नहीं है. जरूरत है जिला प्रशासन और सरकार को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की.

जांच करने पहुंचे सदर डीएसपी महेश प्रजापति ने बताया कि उन्होंने चोरी हुईं मूर्तियों को वापस लाने के लिए अभियान तेज कर दिया है, जितने भी संदिग्ध हैं उनकी तलाश जारी है. सुरक्षा में कहां गड़बड़ी हुई है, इसे लेकर भी जांच जारी है. अगर हमारी ओर से चूक हुई है तो वहां भी कार्रवाई की जाएगी.

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