जयपुर.ट्विटर के नए नियमों के चलते प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठोड़, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अशोक चांदना के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अकाउंट का ब्लू टिक ट्विटर ने बरकरार रखा है.
सोशल मीडिया और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने आज से उन सभी बड़ी हस्तियों के वेरीफाइड अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है जिन्होंने ट्विटर ब्लू प्लान के लिए भुगतान नहीं किया. इस सूची में राजस्थान के भी बड़े नेताओं के नाम शामिल है. जिनके अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया है. जिन बड़ी शख्सियतों के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया गया है उनमें राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी नाम शामिल है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ट्विटर अकाउंट मुख्यमंत्री राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास खेल मंत्री अशोक चांदना के साथ ही भाजपा के राजस्थान के टि्वटर हैंडल से भी ब्लू टिक हट गया है. अब सवाल ये है कि क्या ये प्रमुख सख्शियतें ट्विटर की शर्तों को मान ब्लू टिक वापस लेंगे या फिर नहीं.
वसुंधरा, डोटासरा, सचिन पायलट के ब्लू टिक बरकरार :ऐसा नहीं है कि राजस्थान की सभी प्रमुख शख्सियतों के ट्विटर अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा लिया है बल्कि कुछ शख्सियत ऐसी भी हैं जिनके ब्लू टिक आज भी बरकरार हैं. जिन बड़ी शख्सियतों के ब्लू टिक बरकरार हैं उनमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नाम शामिल हैं. इनके साथ ही राजस्थान कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल का भी ब्लू टिक बरकरार है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का ट्विटर अकाउंट इन संस्थाओं को मिला 'ग्रे' टिक: जहां एक तरफ प्रमुख हस्तियों के ट्वीटर अकाउंट से ब्लू टिक हटने की चर्चा है. वहीं प्रदेश के प्रमुख सरकारी संस्थानों के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर ग्रे टिक की भी बात हो रही है. गौरतलब है कि सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर पर 'ग्रे' टिक मिला है . ट्वीटर की नई गाइडलाइन के मुताबिक किसी प्रमाणित सरकारी संस्था को ही ग्रे टिक दिया जाता है. फिलहाल प्रदेश में राजस्थान पुलिस को 'ग्रे' टिक मिला है. इसके साथ ही राजस्थान पुलिस के मुख्य ट्विटर हैंडिल समेत सभी जिलों के हैंडल को भी ग्रे टिक दिया गया है. राजस्थान पुलिस के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के सीएमओ राजस्थान, आईटी डिपार्टमेंट और राजस्थान सरकार के आधिकारिक ट्वीटर पेज को ग्रे टिक दिया गया है.
राजस्थान भाजपा का ट्विटर अकाउंट हालांकि इस दौरान चर्चा है कि राजभवन जैसी संस्था के ट्ववीटर हैंडल पर फिलहाल प्रमाणिकता को लेकर ट्वीटर ने कोई टिक नहीं सौंपा है. बीते दिनों ट्वीटर के सीईओ एलन मस्क ने एक ऐलान किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीस अप्रैल के बाद पेड सबस्क्रिप्शन पर नहीं जाने वाले अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा लिया जाएगा. मस्क ने जोर देकर कहा था कि इसके लिए मंथली चार्ज दिया जाना जरूरी है.
कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का अकाउंट अपने ऐलान के बाद ही ट्वीटर ने वेरिफाइड अकाउंट से फ्री ब्लू टिक हटा दिए हैं. ट्वीटर पर साल 2009 में ब्लू टिक मिलना शुरू हुआ था. शुरुआती दौर में फ्री ब्लू टिक सिर्फ सेलिब्रिटीज यानि, राजनेता, बड़े पत्रकार और इंफ्लूएंसर या फिर फिल्म जगत के दिग्गजों को ही दिया जाता था. लेकिन एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद नियम बदल दिए. जिसके तहत भारत में ट्वीटर ब्लू के मोबाइल यूजर्स के लिए हर महीने 900 रुपए का भुगतान करना होगा. वहीं लैपटॉप या डेस्कटॉप के लिए यूजर्स को 650 रुपए का भुगतान करना होगा.
गवर्नमेंट ऑफ राजस्थान को मिला ग्रे टिक.