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Twitter Blue Tick: ट्विटर के ब्लू टिक की चाहत में लोग हो रहे कंगाल, ठग मालामाल - fraud in name of buying blue tick

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ट्विटर पर ब्लू टिक की चाहत में साइबर क्राइम अपराधियों का शिकार हो रहे हैं. साइबर ठग लोगों को ब्लू टिक दिलाने का झांसा देकर उनको ठग रहे हैं. भारत में ब्लू टिक खरीदने की सुविधा अभी नहीं है. लेकिन, जानकारी न होने के अभाव में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं.

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Published : Jan 26, 2023, 1:35 PM IST

ट्विटर के ब्लू टिक के नाम पर ठगी

लखनऊ: सोशल मीडिया नेटवर्क ट्विटर में ब्लू टिक लेना लोगों को भारी पड़ रहा है. क्योंकि, यूजर की ब्लू टिक की चाहत ने साइबर अपराधियों को ठगने का एक नया रास्ता दे दिया है. भारत में ब्लू टिक खरीदने की सेवा भले ही न शुरू हुई हो. लेकिन, साइबर ठग लोगों को ब्लू टिक दिलाने का झांसा देकर उनके अकाउंट खाली कर रहे हैं. देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. आइए आपको बताते हैं कि ट्विटर पर ब्लू टिक दिलाने के नाम पर किस तरीके से ठगी हो रही है.

एक पत्रकार राजधानी में अपना यूट्यूब चैनल चलाते है. उनके साथियों के पास ट्विटर पर ब्लू टिक है. उनको भी अपने साथियों जैसा खास बनना था. ऐसे में उन्होंने गूगल में डिजिटल मीडिया एजेंसी का नंबर सर्च किया और कॉल कर ब्लू टिक लेने की इच्छा जाहिर की. चूंकि ब्लू टिक खरीदने की सेवा इंडिया में शुरू नहीं हुई है, ऐसे में कॉल उठाने वाले ठग ने उनको वीपीएन (Virtual private network) के जरिए अन्य किसी देश के नेटवर्क में जाकर ब्लू टिक खरीदने की बात कही.

पत्रकार ने सहमति दी तो जालसाज ने उनके ट्विटर अकाउंट की डिटेल व उनके डेबिट कार्ड की फोटो मांगी. पत्रकार ने ये सभी जानकारी दे दी. थोड़ी देर बाद जालसाज ने डेबिट कार्ड की इंटरनेशनल पेमेंट सुविधा खोलने के लिए ई बैंकिंग को चलाने के लिए ओटीपी मांगे. ओटीपी देने के बाद अकाउंट से 17 हजार रुपये उड़ गए. हालांकि, पत्रकार ने समय पर बैंक व साइबर सेल से संपर्क कर अपना बैंक अकाउंट फ्रीज करवा दिया.

ट्विटर पर डाला पोस्ट तो जालसाज ने कर दी कॉल 'ब्लू टिक चाहिए क्या'

प्रयागराज के मोहम्मद समद के साथ भी पत्रकार जैसा ही कांड हुआ. फर्क इतना था कि समद ने ट्विटर पर ब्लू टिक खरीदने की जानकारी को लेकर एक पोस्ट की थी. दूसरे दिन ही उनके पास एक शख्स ने खुद को यूएसए का बताते हुए ट्विटर पर ब्लू टिक दिलाने की बात कही. शर्त यही थी कि ब्लू टिक खरीदने के लिए जो ट्विटर को पेमेंट होगा, वह यूजर के ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड से होगा. समद ने क्रेडिट कार्ड की डिटेल देते हुए एक साल के लिए पैसे जमा करने के लिए कह दिया. थोड़ी देर में ही समद को उनका ये शौक भारी पड़ गया. उनके अकाउंट से 24 हजार रुपये कट गए. समद की शिकायत पर साइबर पुलिस जांच कर रही है.

जालसाजों के दावों पर भरोसा कर हो जाएंगे कंगाल : साइबर एक्सपर्ट

सोशल मीडिया में खास दिखने के लिए हर कोई सबसे अधिक फॉलोअर्स और ब्लू टिक पाने की रेस में आगे रहना चाहता है. फिर उसके लिए कुछ भी करना पड़े. देश के जाने माने साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि साइबर क्रिमनल्स सोशल मीडिया में ट्विटर पर ब्लू टिक की चाहत रखने वालों पर नजर रखते हैं. वहीं से उनके नंबर निकालकर उन्हे कॉल कर वीपीएन वाली थ्योरी बता उनके कार्ड से ही पेमेंट होने की शर्त कह शिकार की पूरी डिटेल ले ले रहे हैं और फिर ठगी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को ये ध्यान रखना होगा कि भारत में अभी ऐसी कोई सेवा नहीं शुरू हुई है. ऐसे में किसी भी प्रकार से गलत दावों में आकर अपनी सोशल मीडिया व बैंक अकाउंट डिटेल न शेयर करें.

अमेरिका, न्यूजीलैंड समेत कई देश में ट्विटर ब्लू की सेवा हुई शुरू

सोशल मीडिया में ये दावा किया जा रहा है कि ट्विटर पर ब्लू के तहत आप ब्लू टिक ले सकते हैं. इसके लिए आपको हर महीने 8 डॉलर की रकम खर्च करनी होगी. हालांकि, ये सर्विस अभी अमेरिका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और जापान में शुरू हुई है. अभी भारत में इसे लॉन्च नहीं किया गया है. हालांकि, दावा ये है कि भारत में कई ट्विटर यूजर्स वीपीएन के जरिए ब्लू टिक ले रहे हैं.

दावा है कि भारत में भी खरीद सकते है ट्विटर ब्लू टिक

दावा किया जा रहा है कि ट्विटर ब्लू के तहत ब्लू टिक लेने के लिए यूजर्स को पहले अपने ट्विटर अकाउंट को मोबाइल की जगह वेब पर लॉगिन करना होगा. इसके बाद प्ले स्टोर पर वीपीएन को डाउनलोड करना और इसमें भारत को छोड़कर किसी अन्य देश जैसे-अमेरिका, न्यूजीलैंड को चुनना है. इसके बाद ट्विटर पर ट्विटर ब्लू का विकल्प आने पर वहां सब्सक्राइब का ऑप्शन दिखने लगेगा. इसके बाद ट्विटर ब्लू वाले विकल्प पर क्लिक करना है और सब्सक्रिप्शन लेना है. हालांकि, इसमें पता मांगने पर अमेरिका या चुने गए देश का ही डालना होगा. पेमेंट के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड यूज करना होगा. ध्यान यह भी देना है कि डेबिट या क्रिडेट कार्ड में इंटरनेशल पेमेंट खुला होना चाहिए. पेमेंट होने के बाद ही ब्लू टिक मिल जाएगा.

नोट: हालांकि, इन दावों की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

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