रायपुर: छत्तीसगढ़ का राजधानी रायपुर में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे एक बाल गृह से महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) की टीम ने 19 बच्चों को रेस्क्यू किया है. ये सभी बच्चे मध्य प्रदेश के मंडला के बताए जा रहे हैं. इन बच्चों को एसओएस बाल गृह में रखा गया है. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ने मामले की जांच और कार्रवाई पुलिस को हैंडओवर कर दिया है. अधिकांश बच्चे कोरोना काल में अनाथ हुए थे. हैरत की बात यह है कि बाल गृह 20 दिन पहले शुरू किया गया था. पुलिस इस केस को बाल तस्करी के एंगल से भी देख रही है.
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों को सूचना मिली थी कि भिलाई के रिसाली की लाइफ शो फाउंडेशन (Life Show Foundation) अवैध रूप से बाल गृह का संचालन कर रही है. इस पर टीम ने मौके पर छापा मारा तो एक मकान में ये बच्चे मिले. मकान के सामने अनाथ आश्रम का बैनर (orphanage banner) लगाकर बच्चों को रखा गया था. दस्तावेजों की जांच में पता चला कि नियमों के अनुसार बाल गृह का संचालन (operation of children of home) नहीं हो रहा था. सभी बच्चों को यहां अवैध रूप से रखा गया था.
19 बच्चे कराए गए मुक्त
इस बाल गृह से कुल 19 बच्चे मुक्त कराए गए हैं. रिहा कराए गए नाबालिगों में 10 बालक और 9 बालिका हैं. जिन्हें एक साथ रखा गया था. खास बात यह है कि इन सभी बच्चों में अंधिकाश मध्यप्रदेश के मंडला जिले के रहने वाले हैं. पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम इसे बाल तस्करी से भी जोड़ को देख रही है.