मुंबई :30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या की 73वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. महात्मा गांधी के वंशजों ने एक पुरानी परंपरा को बहाल करने की अपील की है, जिसके तहत राष्ट्रपिता की गोली मारकर हत्या करने के समय सायरन बजा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती थी.
महात्मा गांधी के परपोते, तुषार ए. गांधी और अन्य लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया है कि वे अपने कार्यालय का उपयोग करें और 30 जनवरी को हर साल 'बापू' को श्रद्धांजलि के रूप में 'सायरन बजाने' की परंपरा को फिर से बहाल करें.
तुषार गांधी ने कहा, 'इसे उस ठंड में (शाम 5.17 बजे) हत्या किए जाने के तुरंत बाद शुरू किया गया था. एक नाराज राष्ट्र के 'बापू' को मौन श्रद्धांजलि पेश की थी. उद्देश्य सरल था - सभी को स्वेच्छा से उन्हें शांति से याद करना था.'
बापू की हत्या के समय हर साल सायरन बजाने की परंपरा बहाल की जाए : तुषार गांधी
महात्मा गांधी के परपोते, तुषार ए. गांधी और अन्य लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया है कि वे 30 जनवरी को हर साल 'बापू' को श्रद्धांजलि के रूप में 'सायरन बजाने' की परंपरा को फिर से बहाल करें.
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जब एक शीर्ष महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शहीद दिवस पर 'यह रिवाज अभी भी जिंदा है', बड़े पैमाने पर सरकारी कार्यालयों में इसका अभ्यास किया जाता है.
अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, 'समय-समय पर, गृह मंत्रालय (एमएचए) सरकारी, निजी कार्यालयों, शैक्षिक संस्थानों, वाणिज्य और उद्योग के मंडलों और अन्य सभी संगठनों के लिए विस्तृत निर्देश जारी करता है.'
(आईएएनएस)