नई दिल्ली:महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों ( tune of Mahatma Gandhi's favorite song) में से एक 'अबाइड विद मी' (Abide with Me) की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat ceremony) से हटा दिया गया है. भारतीय सेना द्वारा शनिवार को जारी एक विवरण पुस्तिका से इसकी जानकारी मिली. स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित 'अबाइड विद मी' 1950 से 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह का हिस्सा रहा है. विवरण पुस्तिका में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन 'सारे जहां से अच्छा' के साथ होगा.
बीटिंग रिट्रीट 'अबाइड विद मी' की धुन के साथ समाप्त होता था. विवरण पुस्तिका में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे. विवरण पुस्तिका के अनुसार इस साल के समारोह में जो 26 धुनें बजायी जाएंगी उनमें 'हे कांचा', ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं.
विवरण पुस्तिका के मुताबिक 'वीर सैनिक', ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा हैं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया जाएगा. 'बीटिंग रिट्रीट' सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.