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गुजरात को कुप्रंबधन से मुक्त कराना है: टीएस सिंहदेव

TS Singhdeo at AICC meeting in Ahmedabad: गुजरात कांग्रेस विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहमदाबाद में मैराथन बैठक कर रही है. इसमें कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नियुक्त 26 AICC पर्यवेक्षकों ने भाग लिया. बैठकों के बाद छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने कहा कि गुजरात की सच्चाई जनता के सामने लाना है. (TS Singhdeo talks with ETV Bharat in Ahmedabad )

Exclusive conversation with TS Singh Deo
टीएस सिंह देव से खास बातचीत

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Published : Aug 5, 2022, 3:23 PM IST

रायपुर\अहमदाबाद: साल 2023 के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा के साथ ही कांग्रेस में भी बैठकों का दौर जारी है. कांग्रेस लगातार बैठक कर संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रही है. 125 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने अहमदाबाद कांग्रेस कार्यालय में मैराथन बैठक हुई. जिसमें 26 AICC पर्यवेक्षकों ने भाग लिया. कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव भी अहमदाबाद पहुंचे और बैठक में शामिल हुए. ईटीवी भारत ने टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की. ( TS Singhdeo talks with ETV Bharat in Ahmedabad)

टीएस सिंहदेव के साथ ईटीवी भारत की बातचीत

सवाल: आज की बैठक में किस तरह के फैसले लिए गए ?

जवाब:एआईसीसी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इसकी पहली बैठक 20 और फिर 28 को हुई थी, लेकिन स्थिति को देखते हुए नहीं हुई, फिर यह बैठक हुई. हालांकि, अशोक गहलोत खराब स्वास्थ्य के कारण नहीं आ सके. लेकिन उन्होंने कहा कि बैठक डिले नहीं होनी चाहिए. जिसके बाद बैठक हुई. इस मैराथन बैठक में एआईसीसी के 26 पर्यवेक्षक और जीपीसीसी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. बैठक में तय हुआ कि चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने से पहले कांग्रेस के लोग आम नागरिकों से मुलाकात करेंगे. इसका पता लगाने और इसे घोषणापत्र में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. लोगों की समस्याएं सामने आएंगी. बूथ प्रबंधन चुनाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे ठीक से करने पर जोर दिया जाएगा. (TS Singhdeo Ahmedabad visit)

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सवाल: गुजरात कांग्रेस की लड़ाई पहले सिर्फ बीजेपी से थी. अब एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के साथ है. कैसे बनेगी रणनीति?

जवाब:1980 के बाद देश में अलग-अलग पार्टियां बन रही हैं. इससे पहले केवल 2 दल थे, कांग्रेस और पहले जनसंघ जो बाद में भाजपा कहलाई या जनता पार्टी. लेकिन 80 के दशक में पार्टियां अलग हो गई और एनडीए हो गई. बाद में कांग्रेस ने भी यूपीए का गठन किया. बस यही सिलसिला यहां देखने को मिल रहा है. कोई नई चीज नहीं है. लेकिन यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि इस चुनाव में नेगेटिव वोटिंग न हो. बीजेपी और कांग्रेस के वोट बैंक फिक्स हैं. पिछले चुनावों को अगर आप देखेंगे तो बीजेपी का 49 प्रतिशत वोट शेयर था कांग्रेस का 42.5 प्रतिशत वोट शेयर था. साढ़े 6 प्रतिशत का वोट शेयर का फर्क था. इसको पाटना और अगर और पार्टियां लड़ती है तो वो किसका वोट काटेगी इसकी समीक्षा करना है. इसके बाद हर पोलिंग बूथ को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई है. जिस पर अलग-अलग कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है.

सवाल: आप गुजरात में शराबकांड या ड्रग्स जैसे मुद्दों को कैसे देख रहे हैं?

जवाब:मैं गुजरात से बाहर रहकर ज्यादा कुछ नहीं जानता था, लेकिन यहां के लोगों ने मुझसे कहा कि मौजूदा सरकार गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम कर रही है. इससे 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. साल का 25,000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो चुका है. ऐसा लगता है कि सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने किया है, लेकिन यहां ईडी ध्यान नहीं देता, कहीं-कहीं ईडी पहुंच जाता है. एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नशीली दवाएं भी जब्त की जा रही हैं. कांग्रेस बस इन्हीं मुद्दों पर लोगों को जागरूक करेगी. लोगों के साथ जाएगी. जिस पार्टी की सरकार को 27 साल से आपने मौका दिया है. वो सरकार आपके लिए क्या कर रही है. 5 लाख युवाओं के लिए नौकरियां खाली है. 14 बार पेपर लीक हो जाते हैं. लोगों को बताना है कि इस कुप्रबंधन से गुजरात के लोगों को बचाना है.

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