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बंगाल में घुसते ही ट्रक ड्राइवरों को देना पड़ता है 'डंडा टैक्स'

बंगाल से माल ढुलाई करने वाले बाहरी राज्यों के ट्रक ड्राइवरों के लिए राह आसान नहीं है. उनका आरोप है कि राज्य में 'डंडा टैक्स' (Danda tax) के नाम पर वसूली की जाती है. इसके लिए बाकायदा दुकान और दीवारों पर लिखा रहता है. पढ़ें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

lorries entering Bengal need to pay Danda tax
ट्रक ड्राइवरों को देना पड़ता है डंडा टैक्स

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Published : Oct 27, 2022, 6:37 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 11:02 PM IST

आसनसोल :बंगाल के पास वह है जो पूरे भारत के पास नहीं है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनकी वजह से बंगाल की बदनामी पूरे देश में होती है. ऐसे ही एक मामले में दूसरे राज्यों से माल ढोने वाले लॉरियों के चालकों से अगर आप पूछेंगे तो वे बड़े गुस्से से कहेंगे कि भारत के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं है जैसा बंगाल में 'डंडा टैक्स' (Danda Tax) है. बंगाल और झारखंड की सीमा पर इस 'डंडा टैक्स' के दलालों के रैकेट हैं, जो एक तरह से संगठित लूट है (lorries entering Bengal need to pay Danda tax).

सुनिए ट्रक ड्राइवरों ने इसके बारे में क्या बताया

रामपुर चेक पोस्ट बंगाल-झारखंड सीमा पर दुबडी चेक पोस्ट के ठीक बाहर है, जिसे एमवीआई चेकपोस्ट के नाम से जाना जाता है. जब आप इस क्षेत्र में जाएंगे तो सभी जगह दुकानों और होटलों में लिखा है 'डंडा टैक्स के लिए हमसे संपर्क करें'. बाकायदा फोन नंबर भी दिया गया है. दरअसल रोड टैक्स के नाम पर यह ब्रोकर रैकेट पूरे इलाके में पनप चुका है.

मामले को लेकर प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि अन्य राज्यों से कार्गो लॉरी के लिए बंगाल में प्रवेश करने के लिए एक विशेष प्रकार का कर देना पड़ता है. इसे स्थानीय भाषा में 'डंडा टैक्स' कहते हैं. अगर आप सीधे एमबीवीआई चेक पोस्ट पर जाते हैं, तो इस टैक्स में 3300 रुपये से 5000 रुपये देने होते हैं. भुगतान के बाद ड्राइवरों को रसीद भी दी जाती है. लेकिन अगर ब्रोकर के माध्यम से जाते हैं तो ज्यादा खर्च होता है. ड्राइवरों का कहना है कि ये सच है.

स्थानीय भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि एमवीआई अधिकारियों ने दलाल राज का समर्थन करने के लिए ऐसा किया है. उनका कहना है कि कई बार इसे बंद कराने की कोशिश की लेकिन प्रशासन के कानों पर जू नहीं रेंगी.

ड्राइवरों का कहना है कि वे पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर लॉरी ले जाते हैं, जहां इस तरह से कोई टैक्स नहीं लगता है. राज्य में प्रवेश करते समय कर का भुगतान नकद में करना पड़ता है. इसके लिए लॉरियों को 10 से 12 घंटे तक पार्क करना पड़ता है.

उनका आरोप है कि आरटीओ लॉरी के सामने आ जाते हैं. हजारों रुपये का जुर्माना भरना पड़ता है. चालकों ने कहा कि इसका कोई जवाब नहीं है कि उन पर जुर्माना क्यों लगाया जाता है. इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है.

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Last Updated : Oct 27, 2022, 11:02 PM IST

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