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हल्दी किसानों के मुद्दे पर टीआरएस का भाजपा पर तंज

तेलंगाना राष्ट्र समिति एमएलसी और निजामाबाद के पूर्व सांसद के कविता ने हल्दी बोर्ड को जिले में लाने के अपने वादों पर भाजपा सांसद अरविंद धर्मपुरी पर हमला किया. साथ ही उन्हें उनके द्वारा किए गए बॉंड वादे को भी याद दिलाया जिसमें कहा था कि अगर वो वादा पूरा करने में असफल रहे तो संसद से इस्तीफा दे देंगे.

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Published : May 5, 2022, 9:19 AM IST

Updated : May 5, 2022, 9:25 AM IST

टीआरएस एमएलसी के कविता
टीआरएस एमएलसी के कविता

निजामाबाद (तेलंगाना) : तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) एमएलसी और निजामाबाद के पूर्व सांसद के कविता ने बुधवार को हल्दी बोर्ड को जिले में लाने के अपने वादों को लेकर भाजपा सांसद अरविंद धर्मपुरी पर हमला किया. कविता ने टिप्पणी की कि अरविंद केंद्र सरकार को जिले में हल्दी बोर्ड स्थापित करने के लिए मनाने में विफल रहे. मीडिया को बताते हुए कविता ने कहा कि सांसद अरविंद धर्मपुरी और भाजपा ने निजामाबाद के लोगों से चुनाव जीतने और उनकी उम्मीदों के साथ खिलवाड़ करते हुए लोगों का विश्वास तोड़ा है. उन्होंने हल्दी किसानों के लिए न्याय और पारदर्शिता की मांग की.

कविता ने कहा कि उन्होंने पिछले 3 वर्षों से इस विषय पर बात नहीं की क्योंकि वह निजामाबाद के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करना चाहती थीं और वर्तमान सांसद को जिले के किसानों से उनके वादों को पूरा करने के लिए कुछ "समय" देना चाहती थीं. उन्होंने हल्दी उत्पादक किसानों के लिए आवंटित बजट पर एक आरटीआई जवाब का भी हवाला दिया. एक सूचना का अधिकार के तहत मिले जवाब का हवाला देते हुए कविता ने भाजपा और निजामाबाद के सांसद से निजामाबाद के किसानों और लोगों को उनके मूल बकाया का भुगतान नहीं करने का कारण भी पूछा. उन्होंने आगे धर्मपुरी पर 100 करोड़ रुपये के आवंटन के बड़े दावे करने का आरोप लगाया और कहा कि किसानों को उनके शासन में हल्दी बोर्ड के केवल 200 रुपये मिले.

कविता ने कहा " तेलंगाना के किसानों को केवल 1 लाख हल्दी उत्पादक किसानों के लिए 1.92 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है. यदि आप (अरविंद धर्मपुरी) इस आवंटित धन को सभी में बांटे तो यह 200 रुपये से कम पड़ता है. उसने जो किया वह था बांड पेपर बांटकर किसानों को ठगा." अरविंद ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए निजामाबाद में किसान समुदाय से वादा किया था कि अगर वह सांसद चुने जाते हैं, तो वह जिले में हल्दी बोर्ड को मंजूरी देंगे. साथ ही हल्दी और लाल ज्वार के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कराएंगे. अगर वह दोनों वादों को पूरा करने में विफल रहे तो उन्होंने एलान किया था कि वह संसद के सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे. इसके बाद वह किसानों और लोगों के आंदोलन में शामिल होंगे."

मार्च 2019 में, अरविंद धर्मपुरी ने लिखित में एक शपथ ली और यहां तक ​​कि एक गैर-न्यायिक (बॉन्ड) स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर भी किए, कि उन्हें हल्दी बोर्ड मिलेगा. टीआरएस एमएलसी ने कहा कि निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र में, उनकी टीम ने वादे की प्रतियां छापी और हल्दी उगाने वाले क्षेत्रों में वितरित कीं. कविता ने कहा कि "अब समय आ गया है कि अरविंद अपने बॉन्ड पेपर के वादे को पूरा करें. अगर उन्हें तेलंगाना के लोगों की सेवा करने में वास्तव में रुचि है, तो उन्हें दिल्ली में अपने आकाओं के कार्यालयों के आसपास घुटनों के बल घूमना चाहिए."

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए, टीआरएस नेता ने कहा, "धान की फसल के मुद्दे के दौरान, हमने उनसे (राहुल गांधी) संसद में इस मुद्दे को उठाने और तेलंगाना के किसानों का समर्थन मांगा परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया. लेकिन अब वह कुछ योजना बना रहे हैं. वारंगल, यहां केवल राजनीति करने आ रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कभी तेलंगाना के पक्ष में बात नहीं की. मुझे नहीं पता कि वह वारंगल और उस्मानिया विश्वविद्यालय में क्यों आ रहे हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की तेलंगाना यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कविता ने जवाब दिया कि वे 'राजनीतिक पर्यटक' हैं. पूर्व सांसद कविता ने कहा कि चुनावों के कारण अधिक से अधिक राजनीतिक पर्यटक तेलंगाना का दौरा करेंगे, लेकिन टीआरएस पार्टी आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करने के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि अन्य राजनीतिक दल तेलंगाना के लोगों को धर्म, व्यवसाय और अन्य तरीकों से विभाजित करने की कोशिश करते हैं, टीआरएस पार्टी उस अंतर को पाटने का काम करती है.

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एएनआई

Last Updated : May 5, 2022, 9:25 AM IST

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