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Trishakti Prahar 2023 : जैसलमेर में तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास- परखेंगे ताकत, तकनीक, तालमेल - नेस्तनाबूद करने का अभ्यास

राजस्थान के पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना के तीनों अंगों की ओर से सोमवार को जैसलमेर में संयुक्त युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई. इस अभ्यास में पुणे स्थित वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी कमान की ऑपरेशनल कैपेबिलिटी और रेडिनेस का विशेष रूप से प्रदर्शन किया जाएगा. यह युद्धाभ्यास 25 नवंबर तक चलेगा.

Joint exercise of armies started in jaisalmer
तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 1:24 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान से लगती देश की पश्चिमी सीमा के पास भारतीय सेना के तीनों अंगों का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हो गया है. 'त्रिशक्ति प्रहार' नाम से शुरू किए गए इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए भारतीय सेना व नेवी के साथ अभ्यास कर रही है. साथ ही इस अभ्यास की योजना तीनों सेनाओं के बीच पूर्ण तालमेल के साथ जमीनी व युद्ध पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाई गई है. इस अभ्यास में युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों का जीवंत अभ्यास भारतीय सेना के तीनों अंगों की ओर से पूर्ण सामंजस्य के साथ किया जा रहा है.

इस अभ्यास के दौरान खुफिया व अन्य जानकारी रखने, टोही विमान से लंबी दूरी के हमले, सटीक व उच्च मात्रा के हमलों से दुश्मन को नेस्तनाबूद करने का अभ्यास किया जा रहा है. साथ ही इस युद्धाभ्यास में मुख्य रूप से पुणे स्थित भारतीय वायु सेना की दक्षिणी पश्चिमी कमान की ऑपरेशनल कैपेबिलिटी और रेडिनेस का प्रदर्शन मुख्य रूप से किया जा रहा है. सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह युद्धाभ्यास 25 नवंबर तल चलेगा.

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करीब 25 हजार सैनिक ले रहे हिस्सा : इसमें एकीकृत वायु भूमि, संयुक्त हथियार संचालन, तेज गतिशीलता और गहरी स्ट्राइक आक्रामक क्षमताओं जैसी विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया जा रहा है. सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन और रूस के मध्य पिछले लंबे समय से चले आ रहे युद्ध को देखते हुए नई रणनीति बनाने के उद्देश्य से यह अभ्यास किया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक भारतीय सेना के तीनों अंगों के कुल 25 हजार से ज्यादा सैनिक इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं. इसके अलावा इस युद्धाभ्यास में मानव रहित हवाई वाहन, सटीक निर्देशित मिसाइलें, युद्ध सामग्री, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार प्रणाली और स्वचालित स्पेक्ट्रम निगरानी प्रणाली जैसी विशिष्ट टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की जा रही है.

युद्ध को देखते हुए परखी जाएगी टेक्नोलॉजी : इस अभ्यास में रूस और यूक्रेन के अलावा इजराइल व फिलिस्तीन संकट से भी अनुभव लेते हुए टेक्नोलॉजी को परखा जाएगा. आर्मी के टी-90 एस और अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक सहित विभिन्न प्रकार के हॉवित्जर हेलीकॉप्टर और अन्य हथियार इस अभ्यास में शामिल हैं. अपाचे, लड़ाकू हेलीकॉप्टर चिनूक, हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर और नेवी के विभिन्न विमान भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं.

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