अगरतला : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के चार साल के शासन के दौरान कम से कम 23 माकपा सदस्यों और समर्थकों की हत्या कर दी गई, लेकिन पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि पुलिस ने कई मामलों में उलटे ही पीड़ितों के खिलाफ कार्रवाई की.
माकपा की त्रिपुरा इकाई के सचिव जितेंद्र चौधरी (Jitendra Chaudhury CPIM) ने मीडिया से बात करते हुए शनिवार को कहा कि राज्य में अब कानून का शासन नहीं रहा. माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य चौधरी ने आरोप लगाया कि पुलिस का एक वर्ग भाजपा समर्थित अपराधियों और हत्यारों को पनाह दे रहा है.
चौधरी ने कहा, 'पुलिस और अपराधियों के बीच साठगांठ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे त्रिपुरा में पूरी तरह अराजकता फैल गई है.' बता दें कि माकपा सदस्यों ने अपने नेताओं के नेतृत्व में बिस्वास की हत्या के खिलाफ शुक्रवार और शनिवार को पूरे त्रिपुरा में विरोध रैलियों और प्रदर्शनों का आयोजन किया. पार्टी सदस्य बेनू विश्वास की हत्या गुरुवार शाम दक्षिणी त्रिपुरा के कमालपुर बाजार (Tripura Benu Biswas murder Kamalpur market) में हुई थी.
त्रिपुरा पुलिस पर पहले भी उठे सवाल
गौरतलब है कि त्रिपुरा में पुलिस की बर्बरता को लेकर तृणमूल कांग्रेस भी आवाज उठा चुकी है. विगत नवंबर में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता को लेकर दिल्ली में गृह मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. तृणमूल सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और शाह से मिलने का समय भी मांगा था.